अस्थमा (दमा) एक ऐसी बीमारी है जिसमें आपको सांस लेने में दिक्कत होती है. कई लोग इसे सांस की बीमारी भी कहते हैं. लोग इसे नजर अंदाज कर देते हैं क्योंकि वे इसके लक्षण (Asthma signs and symptoms) के बारे में नहीं जानते. अस्थमा के बारे में सही समय पर जानकर उसका इलाज करवाना जरूरी होता है क्योंकि ये आपके शरीर को बड़ा नुकसान दे सकता है. अस्थमा क्या है (What is asthma?), अस्थमा का कारण क्या है (Asthma causes), अस्थमा का इलाज क्या है? (asthma treatment) ये सारी जानकारी आप इस लेख में पढ़ेंगे.
अस्थमा क्या है? (what is asthma?)
अस्थमा फेफड़ो से संबन्धित एक बीमारी है जिसके कारण सांस लेने में दिक्कत होती है. अस्थमा हो जाने के कारण आपकी स्वास नलियों में सूजन आ जाती है. स्वास नली में सूजन आ जाने के कारण सांस को निकालने के लिए रास्ता कम मिलता है जिसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत होती है. अस्थमा को सांस की बीमारी या दमा भी कहते हैं.
अस्थमा के लक्षण (asthma signs and symptoms)
अस्थमा की रोकथाम के लिए अस्थमा के लक्षण को पहचानना बहुत जरूरी है. अगर आपको ये लक्षण किसी व्यक्ति में दिखते हैं तो अस्थमा की जांच जरूर करवाएँ.
– बलगम वाली सूखी खांसी
– सीने में जकड़न
– सांस लेने में कठिनाई
– सांस लेते समय घरघराहट की आवाज आना
अस्थमा के प्रकार (types of asthma)
अस्थमा के कई प्रकार है जो निम्न हैं-
एलर्जिक अस्थमा: ये वो अस्थमा होता है जिसमें आपको किसी चीज से एलर्जी होती है. इसके कारण आप जब धूल-मिट्टी के संपर्क में आते हैं तो आपको सांस लेने में दिक्कत होती है या फिर मौसम में परिवर्तन होते हैं सांस में दिक्कत होने लग जाती है.
नॉनएलर्जिक अस्थमा: इस तरह के अस्थमा का कारण किसी एक चीज की अति होना होता है. मान लीजिये आपको बहुत ज्यादा खांसी और जुकाम रहता है तो इसके कारण आपको सांस लेने में दिक्कत हो सकती है.
एक्सरसाइज इनड्यूस अस्थमा: कई लोग जब कसरत करते हैं तो उन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है, इसके अलावा कई लोग जब अपनी क्षमता से ज्यादा काम करने लगते हैं तो उन्हें इसकी शिकायत होती है.
कफ वेरिएंट अस्थमा: इस तरह के अस्थमा का कारण कफ होता है. कई लोगों को सर्दी की वजह से लगातार कफ की शिकायत रहती है जिसके कारण उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और हालत अस्थमा अटैक तक पहुँच जाते हैं.
नॉक्टेर्नल यानी नाइटटाइम अस्थमा: ये अस्थमा का वो प्रकार है जो रात के समय आपको परेशान करता है. रात में सोने के कारण कई लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो जाती है जिसके कारण अस्थमा अटैक आ जाता है. इस तरह के अस्थमा को नॉक्टेर्नल अस्थमा कहते हैं.
मिमिक अस्थमा: जब आपको कोई स्वास्थ्य संबंधी कोई बीमारी जैसे निमोनिया, कार्डियक जैसी बीमारियां होती हैं तो आपको मिमिक अस्थमा हो सकता है. आमतौर पर मिमिक अस्थमा तबियत अधिक खराब होने पर होता है.
चाइल्ड ऑनसेट अस्थमा: ये अस्थमा का वो प्रकार है जो सिर्फ बच्चों को ही होता है. इस अस्थमा के होने पर बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होता है वैसे-वैसे वो अस्थमा से बाहर आने लगता है लेकिन इस अस्थमा का समय पर इलाज करवाना जरूरी है.
एडल्ट ऑनसेट अस्थमा: ये अस्थमा युवाओं को होता है. यानी अकसर 20 वर्ष की उम्र के बाद ही ये अस्थमा होता है. इस प्रकार के अस्थमा के पीछे कई एलर्जिक कारण छुपे होते हैं. हालांकि इसका मुख्य कारण प्रदूषण, प्लास्टिक, अधिक धूल मिट्टी और जानवरों के साथ रहने पर होता है.
अस्थमा का सफल उपचार (best treatment for asthma)
अगर किसी व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत है या फिर उसे अस्थमा या दमा की शिकायत है तो उन्हें सीधे डॉक्टर से इसके इलाज के बारे में बात करना चाहिए. अस्थमा को लेकर बिलकुल भी लापरवाही ना बरतें ये आपके लिए हानिकारक साबित हो सकती है क्योंकि कोई भी नहीं जानता की उसे अगर अस्थमा की शिकायत है तो उसका अटैक कब आ जाये.
डॉक्टर से अस्थमा की जांच करवाए और अस्थमा का इलाज जो डॉक्टर ने आपको बताया है उसका पालन करें. डॉक्टर आपको हमेशा अपने साथ एक पंप रखने की सलाह भी देता है जो अस्थमा अटैक आने पर आपको राहत देने में आपकी मदद करता है. इसे हमेशा अपने साथ रखें.
अस्थमा से बचाव (Asthma diagnosis)
अगर किसी व्यक्ति को अस्थमा है तो उसे इलाज तो करवाना ही पड़ेगा साथ ही कुछ बातें भी ध्यान रखना पड़ेगी जिनसे अस्थमा अटैक आने की संभावना को कम किया जा सके.
– अस्थमा के मरीज को बारिश, सर्दी और धूल से बचना चाहिए.
– ज्यादा गर्म और नर्म वातवरण से बचना चाहिए.
– घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करना चाहिए जिससे सांस के जरिये प्रदूषण आपके फेफड़ो तक ना पहुंचे.
– सर्दी के मौसम में कोहरे में जाने से बचे, अगर जा रहे हैं तो मास्क का प्रयोग करें
– अस्थमा के मरीज को डॉक्टर द्वारा बताए गए तरीके से खानपान करना चाहिए.
अस्थमा के घरेलू उपचार (Home remedies for asthma)
– लहसुन को अस्थमा के इलाज के लिए बेस्ट माना जाता है. आप 30 एमएल दूध में 5 लहसुन की कलियाँ उबाल कर इस मिश्रण का रोज सेवन कर सकते हैं
– अस्थमा के मरीज अदरक की चाय में लहसुन मिला के सेवन कर सकते हैं इससे अस्थमा नियंत्रित रहता है.
– पानी में अजवायन मिलकर उबालें और इसकी भाँप लें इससे भी अस्थमा में काफी राहत मिलती है.
– मेथी का काढ़ा भी अस्थमा में राहत देता है. इसे तैयार करने के लिए एक चम्मच मैथीदाना और एक कप पानी उबालें, हर रोज सुबह-शाम इस मिश्रण का सेवन करें.
नोट : यह जानकारी आपके ज्ञान के लिए साझा की गई है ताकि आप अस्थमा के बारे में जान पाये. अस्थमा की शिकायत होने पर सीधे डॉक्टर से सलाह लें. डॉक्टर द्वारा बताए गए घरेलू उपचार ही उपयोग में लाये.
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