साल का चौथा महीना अप्रैल अपने साथ विशेष व्रत एवं त्योहार लेकर आ रहा है. इस माह में हिन्दू पंचांग के हिसाब से चैत्र और वैशाख माह रहेंगे. अप्रैल माह की शुरुआत कामदा एकादशी के साथ हो रही है. हिन्दू धर्म के कई व्रत एंव त्योहार अप्रैल माह में हैं.
1) कामदा एकादशी
अप्रैल माह की शुरुआत में ही एक अप्रैल को कामदा एकादशी है. कामदा एकादशी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी है. इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. कामदा एकादशी व्रत रखने से समस्त पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति को बैकुंठ की प्राप्ति होती है.
2) प्रदोष व्रत
3 अप्रैल को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत है. हिन्दू धर्म के हिसाब से हर माह की द्वादश तिथि को प्रदोष के रूप में मनाया जाता है. ये दिन भगवान शिव को समर्पित होता है. इस दिन व्रत रखा जाता है और शिवजी की पूजा की जाती है. इस माह का दूसरा प्रदोष व्रत 17 अप्रैल को रहेगा.
3) महावीर जयंती
4 अप्रैल को महावीर जयंती है. महावीर जैन धर्म के प्रमुख भगवान हैं. जैन धर्म के लोग इन्हीं की पूजा करते हैं. महावीर जयंती के दिन इनका जन्म हुआ था.
4) हनुमान जयंती
6 अप्रैल गुरुवार को हनुमान जयंती आ रही है. हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से हर वर्ष चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस दिन मंदिरों में सुंदरकांड, हनुमानचालीसा का पाठ किया जाता है, बजरंगबली की पूजा की जाती है.
5) विकट संकष्टी चतुर्थी
अप्रैल में 9 तरारीख को विकट संकष्टी चतुर्थी आ रही है. ये व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को होता है. इस दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाती है, उनके लिए व्रत रखा जाता है.
6) खरमास समाप्ति
अप्रैल माह में 14 तारीख को खरमास समाप्ति हो रही है. जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे खरमास समाप्ति कहते हैं. इस दिन से सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लगा दी जाती है. इसी दिन बैसाखी का पर्व भी माने जाता है. असम में इसे बीहू के रूप में मनाया जाता है.
7) वरुथिनी एकादशी
एक माह में दो बार एकादशी आती है. दूसरी एकादशी वरुथिनी एकादशी है जो 16 अप्रैल, रविवार को आ रही है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है.
8) सूर्य ग्रहण
साल का पहल सूर्यग्रहण अप्रैल माह की 20 अप्रैल को आ रहा है. इस दिन वैशाख अमावस्या भी है. इस दिन आप तीर्थथन पर जाकर स्नान करें एवं दान-पुण्य करें. ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.
9) अक्षय तृतीय
अक्षय तृतीय को हिन्दू धर्म में काफी खास दिन माना गया है. अप्रैल माह में ये 22 तारीख, शनिवार को आ रही है. इसी दिन भगवान परशुराम का जन्म भी हुआ था. वैशाख माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली तीज को अक्षय तृतीय के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को काफी शुभ माना जाता है. इस दिन बिना मुहूर्त के मांगलिक कार्य किये जाते हैं.
इन सभी के अलावा 23 अप्रैल को विनायक चतुर्थी, 25 अप्रैल को सूरदास जयंती, रामानुज जयंती, शंकराचार्य जयंती, 27 अप्रैल को गंगा सप्तमी और 29 अप्रैल को सीता नवमी है.
यह भी पढ़ें ?
Red moles on body : शरीर पर लाल तिल क्यों होते हैं, लाल तिल का मतलब तथा महत्व
बच्चे का पाया कैसे जाने, कौन सा पाया कैसा होता है?
Panchak in Hindi: पंचक क्या होता है? पंचक में मौत और जन्म को कैसे समझें?