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शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पेट को स्वस्थ रखना जरूरी होता है. हमारे शरीर को काम करने के लिए जो ऊर्जा मिलती है वो पेट के पाचन तंत्र के कारण मिलती है. पेट कई तरह की बीमारियों का शिकार होता रहता है और उन्हीं बीमारियों में एक है अपेंडिक्स (appendix). आपने इसके नाम के बारे में जरूर सुना होगा. कई लोग अपेंडिक्स (appendix) के शिकार हो जाते हैं.

अपेंडिक्स क्या है? (what is appendix?)

अपेंडिक्स (appendices) हमारे पेट का एक अंग है जो एक पतली और छोटी ट्यूब होती है. इसकी लंबाई 2 से 3 इंच होती है. ये बड़ी आंत से जुड़ी होती है. इस ट्यूब यानि अपेंडिक्स में सूजन आ जाती है तो अपेंडिक्स (Appendicitis) की बीमारी हो जाती है जिसे अपेंडिसाइटिस कहते हैं. अपेंडिक्स की बीमारी होने पर पेट के बीच के हिस्से में बार-बार दर्द होता है. ये दर्द खाँसने, चलने और दबाव पड़ने पर ज्यादा गंभीर हो जाता है.

अपेंडिक्स के लक्षण (symptoms of appendix)

अपेंडिक्स (appendix)की बीमारी का पता लगाने के लिए आपके अपेंडिक्स के लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए. अपेंडिक्स के शुरुवाती लक्षण काफी हल्के होते हैं. इसमें पेट दर्द होता है और भूख कम लगती है. अपेंडिक्स के कुछ और लक्षण होते हैं जिन पर आपको गौर करना चाहिए.
– पेट में नाभि या उससे ऊपर के हिस्से में दर्द होता है. ये दर्द ऊपर से हल्का-हल्का शुरू होता है और उसके बाद नीचे जाते-जाते तेज हो जाता है.
– अपेंडिक्स होने पर भूख कम लगती है या नहीं लगती.
– पेट में सूजन होती है.
– अपेंडिक्स होने पर पेशाब करने में परेशानी होती है.
– गैस के साथ कब्ज या दस्त जैसी समस्या होती है.

अपेंडिक्स क्यों होता है? (Cause of appendix)

अपेंडिक्स (appendix) होने का कारण है छोटी और बड़ी आंत के मेल से जुड़ी हुई थैली जिसे सीकम कहते है में खुलने वाला अपेंडिक्स का रास्ता बंद होना. अपेंडिक्स का ये रास्ता बंद होने का कारण होता है इस थैली यानि सीकम में बलगम जैसे मोटा द्रव का अंदर जाना और समय के साथ कठोर होना. ये जितना ज्यादा कठोर होता जाता है उतना ही अपेंडिक्स की बीमारी बढ़ती जाती है और अपेंडिक्स में सूजन बढ़ती जाती है.

अपेंडिक्स के प्रकार (types of appendix)

अपेंडिक्स दो तरह का होता है. एक होता है ‘एक्यूट अपेंडिक्स’ ये बहुत ही तेजी से विकसित होता है. एक्यूट अपेंडिक्स आमतौर पर कुछ घंटों या कुछ दिनों में विकसित हो जाता है. इसका पता लगाना काफी आसान होता है और इससे निजात पाने के लिए सर्जरी करवानी पड़ती है.
अपेंडिक्स का दूसरा प्रकार होता है ‘क्रोनिक अपेंडिक्स’ इसमें आपके अपेंडिक्स में सूजन शुरू होती है और लंबे समय तक बनी रहती है. हालांकि क्रोनिक अपेंडिक्स के मामले ज्यादा नहीं होते है. इस प्रकार के अपेंडिक्स में अपेंडिक्स फटता नहीं बल्कि समय-समय पर खुल जाता है.

अपेंडिक्स से कैसे बचें? (how to get rid appendix)

अपेंडिक्स को रोकने के लिए आप नियमित रूप से अपने शरीर का चेकअप कराएं. इस तरह की बीमारी आपको उन्हीं चेकअप में नजर आ सकती है. इसके अलावा जो व्यक्ति अधिक मात्र में फाइबर युक्त भोजन लेते हैं उन्हें अपेंडिक्स होने की संभावना कम होती है.

अपेंडिक्स का इलाज कैसे किया जाता है? (appendix treatment)

अगर किसी के शरीर में अपेंडिक्स के लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. अपेंडिक्स का इलाज दवाइयों और सर्जरी (appendix operation) के जरिये संभव है. इसका इलाज इसकी गंभीरता पर निर्भर करता है. अगर अपेंडिक्स पर सूजन ज्यादा बाद जाती है और उसके फटने का खतरा रहता है तो इसकी सर्जरी कर इसे निकाल दिया जाता है. हालांकि कुछ स्थिति में दवाइयों के जरिये भी इसका इलाज संभव है.

अपेंडिक्स में परहेज (appendix abstinence)

अपेंडिक्स पेट से जुड़ी बीमारी है इसलिए इसमें खान-पान के परहेज का ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है. अगर कोई व्यक्ति अपेंडिक्स के लक्षणों की ओर बढ़ रहा है तो उसे निम्न खाद्य पदार्थों से परहेज रखना चाहिए.
– अपेंडिक्स के लक्षण नजर आने पर चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक से दूर रहना चाहिए.
– पशु के खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से वे जो पशुओं के प्रोटीन के स्त्रोत हों
– डिब्बाबंद खाना, ताला हुआ खाना, वसायुक्त खाना का सेवन नहीं करना चाहिए.
– गैस का कारण बनने वाले भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए.

अपेंडिक्स एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज संभव है लेकिन इसके लिए सही समय पर आपको इसके लक्षणों का पता चलना जरूरी है. जैसे ही इसके लक्षण नजर आए डॉक्टर को जरूर दिखाएँ. अपेंडिक्स होने पर दस्त की समस्या भी होती है ऐसे में दस्त की गोली ना लें.

नोट: यह लेख आपकी जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. यदि आप संबंधित बीमारी से ग्रस्त हैं अथवा बीमारी के लक्षण महसूस होते हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें. बिना चिकित्सकीय सलाह के किसी भी तरह के उपाय ना करें और बीमारी को लेकर धारणा ना बनाएं. ऐसा करना सेहत के लिए नुकसानदायक है.

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