आमतौर पर तिल का उपयोग खाद्य तेल के रूप में घरों के अंदर देखने को मिलता है किंतु यह बात बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि तिल त्वचा को हानिकारक कीटाणुओं से बचाने के साथ-साथ हार्ट पेशेंट के लिए रामबाण औषधि से कम नहीं होता. शायद यही वजह है कि इसे गरीबों का घी भी कहा जाता है.
क्या कहा गया है तिल के बारे में?
तिल के बारे में भारतीय ग्रंथों में लिखा है कि दुनिया में पाये जाने वाले तिल एक उच्च स्तर आहार, खाने योग्य तेल है जिसमें औषधीय एवं स्वास्थ्य रक्षक के समस्त गुण मौजूद होते हैं. उसके अनुसार, तिल का प्रयोग पूजन, हवन आदि मांगलिक कार्यो में भी खूब किया जाता है.
तिल का तेल उत्तम गुणवता का होता है जिसका प्रयोग कई प्रकार की मेडिसिन बनाने के लिए किया जाता है और शक्कर एवं गुड़ व नमक के साथ मिलाकर लजीज व्यंजन बनाने के लिए भी करते हैं. भारत में अधिक मात्रा में पाये जाना वाला तिल अधिकतर काला, क्रीम या सफेद रंग का होता है जिसमें अनेक प्रकार के पौष्टिक तत्व पाए जाते है जो कि व्यक्ति की सेहत हेतु परम आवश्यक समझे जाते हैं.
तिल के गुण –
इसमें दो तरह के जरूरी अमीनो अम्ल पाये जाते हैं जिसका नाम मुख्यतः मिथियोनीन एवं ट्रिपटोफैन है. ये अम्ल बालों के लिए बेहद उपयोगी साबित होता है. तिल द्वारा निर्मित लड्डू, गज्जक और भुग्गा जहां लोगों द्वारा खूब पसंद किया जाता है वहीं दूसरी तरफ तिल का पौधा औषधियों के रूप में इस्तेमाल करके विभिन्न प्रकार के रोगों का उपचार भी कर सकते हैं.
तिल के लाभकारी औषधीय गुण-
दांत मजबूत बनाएं-
प्रातकालः अपने दांतों को साफ करने के उपरांत एक बड़ा चम्मच तिल का सेवन करने से दांत मजबूत बनाये जा सकते हैं.
खांसी में आरामदायक-
खांसी से परेशान रहने वाले व्यक्तियों के लिए तिल बहुत लाभकारी है. 2 ग्राम तिल तथा तिल की 2-3 पत्तियों की चाय तैयार कर उसमें अदरक का समावेश करके पिएं. खांसी जल्द ही ठीक हो जाएगी.
बाल सफेद एवं झड़ने से रोकें-
नित्य तिल के तेल से बालों की मालिश करने से असमय बाल सफेद होने तथा झड़ने की समस्या से निजात पाया जा सकता है.
पेट दर्द भगाएं-
पेट दर्द होने पर एक चम्मच काला तिल चबाकर ऊपर से गुनगुना पानी पीने से पेट दर्द मिनटों में गायब हो जाता है.
चेहरे में पर चमक लायें-
पिसे हुए तिल को मक्खन में मिलाकर रोजाना चेहरे पर लगाने से रंग निखरता है और चेहरे से कील मुंहासे गायब हो जाते हैं फलस्वरूप, त्वचा सुंदर व मुलायम हो जाती है.