नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. इस दौरान अखंड ज्योति (Akhand Jyoti) भी जलाई जाती है. नवरात्रि में बिना बुझे अखंड ज्योति जलाए जाने का प्रावधान है लेकिन अखंड ज्योति क्यों जलाई जाती है? क्या आप इस बारे में जानते हैं?
अखंड ज्योति क्या है? (Akhand Jyoti Kya hai?)
हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले दीप जलाने की परंपरा रही है. दीप अंधकार का नाश करता है और ज्ञान का प्रकाश फैलाता है. परमात्मा से हमें ज्ञान मिल सके इसलिए दीप जलाने की परंपरा चली आ रही है.
नवरात्रि का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है. इसमें 9 दिनों तक माँ दुर्गा के 9 रूपों की आराधना की जाती है. नवरात्रि की शुरुआत में ही माता रानी की स्थापना के लिए कलश स्थापना की जाती है साथ ही अखंड ज्योति जलाई जाती है.
अखंड ज्योति एक विशेष दीपक होता है. इसे 9 दिनों तक बिना बुझे जलाना होता है. मतलब एक बार इसे जला लिया तो 9 दिनों तक इसे बुझने नहीं देना है. अखंड ज्योति में देसी घी का प्रयोग करना चाहिए. अगर वो नहीं है तो तिल के तेल का उपयोग किया जा सकता है.
अखंड ज्योति जलाने की विधि (Akhand Jyoti ki Vidhi)
अखंड ज्योति जलाने के लिए कुछ नियमों का पालन करना चाहिए.
– अखंड ज्योति जलाने के लिए पीतल के दीप का उपयोग करें यदि वो नहीं है तो मिट्टी के दीप का उपयोग करें.
– मिट्टी के दीपक का उपयोग कर रहे हैं तो उसे एक दिन पहले पानी में भिगो लें. इसके बाद साफ कपड़े से पोंछकर उसे सुखा लें.
– हिन्दू शास्त्रों के मुताबिक अखंड ज्योति जलाने से पहले मन में संकल्प लेना चाहिए और माँ दुर्गा से प्रार्थना करनी चाहिए कि वे आपकी मनोकामना पूर्ण करें.
– अखंड ज्योति को जमीन पर न रखें, इसे लकड़ी के पटिये पर रखें.
– अखंड ज्योति की बाती को हमेशा कलावा से बनाए, पूजा में जो कच्छ सूत प्रयोग किया जाता है आप उसकी बाती बना सकते हैं.
– अखंड ज्योति जलाने के लिए हमेशा देसी घी का इस्तेमाल करे, यदि देसी घी उपलब्ध न हो पाए तो सरसों का शुद्ध तेल इस्तेमाल करें.
– अखंड ज्योति को हमेशा देवी मां के दाई ओर रखा जाना चाहिए, अगर तेल का दीपक है तो उसे बाईं ओर रखे.
– अखंड ज्योति को हवा से बचाकर रखना चाहिए, हो सके तो कांच की चिमनी से ढँक देना चाहिए.
– संकल्प समाप्त होने के बाद अखंड ज्योति को हमें नहीं बुझाना चाहिए उसे स्वयं बुझने देना चाहिए.
– अखंड ज्योति जलाने से पहले हाथ जोड़कर श्रीगणेश, माँ दुर्गा और शिवजी की आराधना करना चाहिए.
अखंड ज्योति मंत्र (Akhand Jyoti Mantra)
अखंड ज्योति जलाते समय अखंड ज्योति मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए.
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवाय धात्री स्वाहा स्वधा नमो स्तुते
अखंड ज्योति जलाने के नियम (Akhand Jyoti ke Niyam)
नवरात्रि में कुछ नियमों के साथ अखंड ज्योति जलाई जाये तो आपको मनवांछित फल मिलता है.
– ज्योति की लौ को पूर्व दिशा में रखें, इससे आयु में वृद्धि होती है.
– दीपक की लौ को यदि आप उत्तर में रखते हैं तो इससे धन लाभ होता है.
– दीपक की लौ को कभी भी दक्षिण दिशा की ओर नहीं रखना चाहिए.
– अखंड ज्योति बिना कारण के स्वयं नहीं बुझना चाहिए, ऐसा होना आर्थिक तंगी का संकेत माना जाता है और ये बहुत अशुभ होता है.
– अखंड ज्योति की बाती बार-बार नहीं बदलनी चाहिए, इसमें एक बार आपने जिस बाती को जलाया है उसे ही जलने दें.
नवरात्रि में बहुत ही सावधानी के साथ अखंड ज्योति जलाएं. ये गलती से भी बुझना नहीं चाहिए. अगर ऐसा होता है तो बहुत ही अशुभ माना जाता है.
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