भारत के बड़े उद्योगपतियों का जब भी जिक्र होता है, अज़ीम हाशिम प्रेमजी का नाम सबसे अग्रिम पंक्ति में लिया जाता हैं. नामी भारतीय व्यवसायी और मानव प्रेमी की परिभाषा अजीम प्रेम जी के साथ जुड़ी हुई है. भारत में आईटी जगत की सबसे नामी कंपनी विप्रो लिमिटेड के चेयरमैन प्रेम जी दुनिया के सबसे बड़े रईसों में भी गिने जाते हैं.
विप्रो कंपनी का इतिहास (Wipro history in short in hindi)
विप्रो सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री को वैश्विक मंच पर आज जिस ओहदे के लिए जाना जाता है उसमें प्रेम जी का खून पसीना लगा है. कभी भीषण मंदी के दौर में कंपनी की बागडोर प्रेम जी के हाथों में आई थी. लेकिन उन्होंने कौशल और मेहनत से आज कंपनी को वहां खड़ा कर दिया जहां आज वो है. साल 2010 में प्रेम जी एशिया वीक की सूची में दुनिया की सबसे शक्तिशाली 20 हस्तियों में शामिल किया गया.
इसी तरह प्रेम जी के बढ़ते कद को टाइम्स पत्रिका ने विश्व के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में दो बार रखा. प्रेमजी ने आज विप्रो दुनिया की सबसे तेज़ आगे बढ़ने वाली कंपनियों में से एक बनाया हैं. जिसे बिजनेस वीक जैसी प्रतिष्ठित पत्रिका ने स्वीकारा है. फोर्ब्स मैग्जीन द्वारा उन्हें ‘भारत का बिल गेट्स’ के ख़िताब से नवाज़ा गया.
अजीम प्रेमजी की जीवनी (Azim premji biography and lifestyle)
निजारी इस्माइली शिया मुस्लिम मुहम्मद हाशिम प्रेमजी मुंबई में 24 जुलाई 1945 को देश के बड़े चावल व्यापारी के यहां जन्में. प्रेम जी को व्यापारिक गुण कुदरती मिले थे. उनके पिता बर्मा के राइस किंग के नाम से भारत के जाने- माने उद्योगपति थे. विभाजन के बाद उन्होंने जिन्नाह द्वारा पाकिस्तान में चले आने की पेशकश को ठुकरा दिया था और भारत में ही रहना कुबूला.
प्रेम जी के पूर्वज कच्छ (गुजरात) के रहने वाले थे. USA स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग करने वाले प्रेम जी की पत्नी का नाम यास्मीन हैं और रिशद और तारिक उनके दो बच्चे हैं. रिशद विप्रो के आईटी व्यापार के चीफ स्ट्रेटजी ऑफिसर के तौर पर विरसे में मिली प्रेम जी सल्तनत को संभाल रहे हैं.
अजीम प्रेमजी कौन है? (Azim premji wife and family)
प्रेम जी के पिता मुहम्मद हाशिम प्रेमजी ने 1945 में वेस्टर्न इंडियन वेजिटेबल प्रोडक्ट लिमिटेड नामक एक फर्म की शुरुआत महाराष्ट्र के जलगांव जिले के छोटे से कस्बे अमलनेर से की. खाद्य तेल का निर्माण करने वाली यह यूनिट सनफ्लॉवर वनस्पति तेल के लिए जानी गई. 1966 में पिता की मौत से पहले प्रेम जी स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढाई कर रहे थे. इस हादसे के बाद 21 साल के अजीम के कंधों पर विप्रो कंपनी का कार्यभार था.
कंपनी पर वेस्टर्न वेजिटेबल उत्पाद बनाने वाली कंपनी का लोगो पर लग चुका था. जिसे अजीम प्रेमजी ने बेकरी, टॉयलेट संबंधी, सौंदर्य और बालों संबंधी उत्पाद, बच्चों के प्रोडक्ट में तब्दील कर दिया. विप्रो अपने असली रूप मतलब आईटी क्षेत्र में 1980 में आई. जब अजीम प्रेम जी ने देश में आईटी क्षेत्र की जरूरतों को महसूस किया और फिर इसके लिए जमीन खंगाली.
विप्रो कंपनी का इतिहास (Wipro growth history in Hindi)
इस बीच बड़ी आईटी कंपनी IBM भारत से विदाई का मन बना चुकी थी या लगभग जा ही चुकी थी. यह मौका और जरूरत प्रेम जी ने ताड़ ली और आईटी क्षेत्र के विकास का संकल्प लिया. IBM ही अब विप्रो में बदल गई. प्रेमजी ने एक अमेरिकी कंपनी से हाथ मिलाया और साबुन ब्रांड अब सॉफ्टवेयर कंपनी में बदल गया. यह बड़ा चेंज था लेकिन हुआ.
अज़ीम हाशमी प्रेमजी को मिले सम्मान (Azim premji award list)
मनिपाल अकादमी द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि 2000 में राष्ट्रीय औद्योगिक इंजीनियरिंग संस्थान द्वारा “लक्ष्य व्यापार दूरदृष्टि” सम्मान 2006 में
मिडलटाउन विश्वविद्यालय ने डॉक्टरेट की उपाधि 2009 में दी
मैसूर विश्वविद्यालय ने डॉक्टरेट की उपाधि 2015 में प्रदान की
भारत सरकार ने पद्म भुषण से 2005 में नवाज़ा
पद्म विभूषण 2011 में
लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड 2013 में .
अजीम प्रेम जी का दान और परोपकार (What makes Azim Premji different and happy man)
समाजसेवी और मानव मात्र से दया भावना के उनके विरले व्यक्तित्व ने प्रेमजी को एक और पहचान दी. अपनी कुल सम्पति का 25 फीसदी दान कर देने के बाद भी उन्होंने इतना ही हिस्सा और दान करने का संकल्प ले रखा है. उन्होंने 1977 में ‘विप्रो प्रोडक्ट्स लिमिटेड’ की स्थापना की और 1999-2005 तक सबसे अमीर भारतीय होने का गौरव हासिल किया .
आपको बता दें कि ‘अजीम प्रेमजी फाउंडेशन’ 2001 से कार्यरत है.
अजीम प्रेम जी को भारत का बिल गेट्स कहा जाता है. हाल ही में प्रेम जी एक बार से अपनी दानवीरता के चलते चर्चा में आए हैं. उन्होंने तकरीबन 52750 करोड़ रुपए फिर से दान कर दिए हैं. उन्होंने अब तक कुल 145000 करोड़ रुपए का दान मानवता और परोपकार के लिए दान किया है. यह राशि उनकी कंपनी विप्रो के कुल स्वामित्व का तकरीबन 67 फीसद है.
द गिविंग प्लेज में भी हैं प्रेम जी (what is the giving pledge campaign)
आपको बता दें कि दुनिया के धनी व्यक्तियों वॉरेन बफेट और बिल गेट्स ने ‘The Giving Pledge‘ अभियान की शुरुआत की है जो पूरी दुनिया के अमीर व्यक्तियों की ओर से अपनी संपत्ति का परोपकार के कामों के लिए दान देने के लिए प्रोत्साहित करता है उसमें शामिल होने वाले अजीम प्रेम जी पहले भारतीय व्यक्ति हैं.
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि रिचर्ड ब्रैनसन और डेविड सैन्सबरी के बाद वे तीसरे ऐसे गैर अमेरिकी शख्स हैं जिन्होंने बहुत लंबे समय बाद दुनिया को यह बताया कि वे अपनी कुल संपत्ति का तकरीबन 25 फीसद दान में दे दिया है.
आज विप्रो आसमान की बुलंदियों पर है तो अजीम प्रेम जी की वजह से. बावजूद इसके प्रेम जी मानव से प्रेम करने और समाज कल्याण के पथ को नहीं भूले और यहीं बात उन्हें दूसरों से अलग करती है. प्रेम जी के अनुसार, ” अगर ईश्वर ने हमें दौलत दी है, हमें दूसरों के लिए सोचना चाहिए, इसके जरिये हम एक बेहतर दुनिया का निर्माण कर सकेंगे .जब आपके पास पैसा और पावर दोनों है तो समाज के प्रति आपकी जिम्मेदारी ज्यादा हो जाती है.
अजीम प्रेम जी के अनमोल विचार (Hindi quotes of azim premji motivational)
- आप बिजनेस में फैशन के लिए नहीं जा सकते.
- एक बेटी थोड़ी सी भी शिक्षित है, तो वह परिवार नियोजन, स्वास्थ्य की देखभाल के साथ ही हर एक बच्चे की शिक्षा के प्रति अधिक जागरूक होती है.
- चरित्र एक घटक है जो हमारे सभी कार्यों और निर्णयों का मार्गदर्शन करेगा. हमनें सम्पूर्ण अखंडता में निवेश किया है जो हमें व्यापार के कुछ अत्यधिक कठिन परिस्थितियों में कठिन निर्णय लेने मे सहायता करता है.
- जब बाहर परिवर्तन की दर अंदर की तुलना में अधिक है, तो सुनिश्चित कर ले कि अंत निकट है.
- नेतृत्व अपने से अधिक कुशल व्यक्ति के साथ कार्य करने के आत्मविश्वास का नाम है.