बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है उन्हें सही समय और सही मात्रा में न्यूट्रिशन दिया जाए. इसके लिए जरूरी है कि बच्चों में खानपान की आदत शुरू से ही डाली जाए. जिससे उनकी डाइट प्राॅपर मेंटेन रहे और बच्चों में बीमारियों से लड़ने की क्षमता बनी रहे.
जन्म के शुरूआती पांच माह हैं खास
पैरेंट्स को शुरू से यह ध्यान देना होगा कि उनका बच्चा खुद से ही खाना खाने लगे. जन्म के बाद के शुरूआती साढ़े पांच माह बहुत अधिक महत्वपूर्ण होते हैं. इसी समय बच्चे में खानपान की अच्छी आदतें डालनी चाहिए. क्योंकि इस उम्र में बच्चे का मेटाबाॅलिज्म रेट और ग्रोथ रेट दोनों ही अधिक होते हैं.
इसी उम्र में बाॅडी में फैट बनना भी शुरू हो जाता है. जिसे अगर सही मात्रा में नहीं बढ़ने दिया गया तो बाद में फैट ज्यादा या कम होने की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि बच्चों में खानपान की अच्छी आदतें डालने के लिए अलग से प्रयास करने की जरूरत नहीं है, बल्कि पेरेंट्स को ही अपनी लाइफ स्टाइल में सुधार करने की जरूरत है. क्योंकि घर में जैसा माहौल रहेगा, बच्चे में भी वैसी आदतें विकसित होंगी.
बच्चों को साथ खिलाएं खाना
बच्चों में खान-पान की आदतें विकसित करने के लिए घर के सभी सदस्यों को प्रयास करने चाहिए. इसका सबसे आसान तरीका यह है कि घर के सदस्य खाना खाते समय बच्चों को साथ में बैठा कर खिलाएं. जब घर में सभी के लिए थाली परोसी जाए तो बच्चे के लिए भी थाली परोसें. ऐसे में बच्चे की भी खाना खाने की इच्छा बढ़ेगी.
पैरेंट्स सुधारें अपनी लाइफ स्टाइल
परिवार का असर ही बच्चों पर भी होता है. बच्चे फैमिली मेंबरस की आदतों से ही सीखते हैं. इसके लिए जरूरी है कि पैरेंट्स अपनी आदतों में सुधार करें. यदि परिवार के बड़े सदस्य सुबह जल्दी सोकर उठते हैं, समय पर नास्ता, दोपहर का भोजन, शाम के वक्त स्नैक्स और रात को डिनर करते हैं, तो बच्चे में ये आदतें खुद व खुद आने लगेंगी. फिर बच्चों को पूरा पोषण समय पर मिलने लगेगा.
खाना खाते वक्त गैजेट्स से रहें दूर
टैक्नोलाॅजी के दौर में क्या बड़े और क्या बच्चे सभी गैजेट्स पर अपना ज्यादा से ज्यादा समय खर्च कर रहे हैं. यही नहीं अब तो हर घर में खाने की टेबिल पर भी लोग गैजेट्स यूज करने से बाज नहीं आते हैं. इस तरह सभी का ध्यान खाने पर कम और गैजेट्स पर ज्यादा होता है.
ऐसे दौर में बच्चों में खान-पान की अच्छी आदतें कैसें विकसित की जाएं? यह बड़ा टास्क बन गया है. इसलिए घर के बड़े यह ध्यान रखें कि खाना खाते वक्त गैजेट्स का यूज न करें. इससे बच्चों में भी यही आदतें आएगीं.
बच्चों को दें ज्यादा फैट वाला फूड
बच्चों की ग्रोइंग एज में फैट की जरूरत होती है और यह फैट न्यूट्रिशन वाला होना चाहिए. इस बात का ख्याल रखें कि बच्चों में फैट जंक फूड के कारण जमा न होने पाए. क्योंकि आजकल बच्चों को ओट्स की बजाए पास्ता, नूडल्स, बर्गर और ब्रेड जैम ज्यादा पसंद आते हैं. ऐसे में घर पर ही पौष्टिक डिशेस बनाए. जो टेस्टी होने के साथ-साथ बच्चे के साथ ही पोषण युक्त भी हो.
बेकार न जाए खाना
आमतौर पर बच्चे जिद करके ज्यादा खाना ले लेते हैं, लेकिन उसे पूरा खा नहीं पाते हैं. जो कि अच्छी आदत नहीं है. ऐसे में बच्चे को कम खाना परोसे, जब वह खा ले तो आवश्यकता के अनुसार दोबारा खाना दें. इससे उसका पेट भी भर जाएगा और खाना भी बेकार नहीं जाएगा.
बच्चों को दें न्यूट्रिशन की जानकारी
बच्चों को न्यूट्रिशन के बारे में समझाना चाहिए. हालांकि यह बेहद मुश्किल काम है. क्योंकि बच्चे पोषण को ध्यान में रखकर नहीं, बल्कि स्वाद और डिश की रंगत को ध्यान में रखकर उसे खाना पसंद करते हैं. ऐसे में कलर्स के माध्यम से और पोषण युक्त खाने को जाएकेदार बनाने का प्रयास करें.