अंधकार को हरकर पृथ्वी के हर कोने को प्रकाशित करने वाले सूर्य देव को जल चढ़ाने का बेहद महत्त्व है. सूर्य की आराधना से हमारा आत्म विस्वाश बढ़ता है. सूर्य को हिंदू धर्म के पंचदेवों में सबसे प्रमुख देवता माना गया है. पूरे ब्रम्हांड में ऊर्जा का एकमात्र स्त्रोत सूर्य देव ही हैं. सृष्टि में सूर्य के महत्त्व को समझते हुए हिन्दू ही नहीं अन्य धर्मों में भी सूर्य को धार्मिक महत्त्व प्राप्त है.
क्यों चढ़ाते हैं सूर्य को जल
हिन्दू धर्म के शास्त्रों में सूर्य देव को जल अर्पित करने का बहुत महत्त्व बताया गया है. सूर्य को जल चढ़ाने से हमारे व्यक्तित्व पर सीधा असर पड़ता है. सूर्य सभी ग्रहों के राजा हैं और यदि वो प्रसन्न हो जाएं तो बाकि के ग्रहों की कृपा मिल जाएगी. पुराणों में इस बात का उल्लेख है कि सूर्य उपासना से सभी रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है. वहीं सूर्य को जल देने से हमारे जीवन में संतुलन बना रहता है.
सूर्य आराधना के लाभ
सूर्य देव की पूजन से मनुष्य को बल, बुद्धि, तेज, मान-सम्मान, धन-सम्पति और स्वास्थ्य लाभ मिलता है. साथ ही हमारे भीतर नई शक्ति व ऊर्जा का संचार भी होता है. सूर्य भगवान की विधिवत आराधना से बीमारियों से मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही मानसिक व्याधियों से भी मुक्ति मिलती है.
क्यों देते हैं सूर्य को अर्घ
सूर्य देव की आराधना का सबसे महत्वपूर्ण भाग है सूर्य को अर्घ देना. सूर्य को जल चढ़ाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं. इसके अनुसार सूर्य को जल चढ़ाते समय हमारे स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ता है. सुबह की ताजी हवा और सूर्य की पहली किरणें हम पर पड़ती हैं, जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी हैं. सूर्य को जल चढ़ाते समय पानी की धारा के बीच से उगते सूरज को देखने से नेत्र ज्योति बढ़ती है. सूर्य की किरणें विटामिन “डी” का बहुत शानदार स्रोत हैं. सूर्य के प्रकाश में रहने से हमें विटामिन “डी” मिलता है.
क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र
ज्योतिष शास्त्र की माने तो सूर्य सभी ग्रहों के अधिपति हैं. अगर सभी ग्रहों को प्रसन्न करने के बजाय केवल सूर्य की ही आराधना की जाए और उन्हें नियमित रूप से जल चढ़ाया जाए तो आपके भाग्य का उदय होना निश्चित है. वहीं जन्म कुंडली में सूर्य दोष होने पर सूर्य की आराधना करना विशेष रूप से फलदायी माना गया है. सूर्य देव की आराधना से जॉब संबंधी समस्याओं से भी छुटकारा मिल जाता है.
कैसे चढ़ाएं सूर्य को जल
सूर्य आराधना में जल अर्पित करना सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं. सूर्य को अर्घ देने के लिए सूर्योदय के पूर्व उठकर स्नान करें. इसके बाद सूर्यदेव के उदय होते ही पूर्व दिशा की तरफ मुख करके तांबे के पात्र में जल भरकर, इसमें थोड़े चावल, चीनी, पुष्प डाले व कुमकुम के जल में छीटे लगाएं. इसके बाद सूर्य देव के सामने खड़े होकर तांबे के पात्र से जल नीचे छोड़ते जाएं. पात्र को अपने सीने के सामने रखे और सूर्य देव को जल अर्पित करते हुए पात्र को कंधों से ऊपर तक ले जाने का प्रयास करें.
Review Points
पूजन, ध्यान और अन्य आध्यात्मिक क्रिया-कलाप हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं. किसी भी तरह की परेशानी होने पर हमें ज्योतिष और धर्म-आध्यात्म के अनुसार कार्य करने पर लाभ मिलता है और जीवन में स्थिरता व शांति मिलती है. धार्मिक कार्य हमारे मनोबल को बढ़ाते हैं.