इंडिया में क्रिकेट को दीवाना कर देने वाले खेल का दर्जा हासिल है. चर्चा यदि क्रिकेट की हो तो सबसे ज्यादा केंद्र में बल्लेबाज़ ही होता है. फिर चाहे वह क्रिकेट ना होकर रिकॉर्ड हो या पर्सनल लाइफ.
इनकी हर एक खबर सोशल मीडिया में रहती है. यदि कोई सीरीज या मैच ना चल रहा हो तो काम आती है किसी बैट्समैन की शादी, उसका ट्विट या फिर बयान. यह सब ना भी हो तो क्रिकेट का ट्रिविया तो है ही.
ट्रिविया की बात करें तो इंडियन क्रिकेट हिस्ट्री में अपनी अलग जगह रखने वाले सुनील गावस्कर को कौन भूल सकता है. भारत के महान बल्लेबाजों में अपना स्थान रखने वाले सुनील गावस्कर 10 जुलाई को 69 साल के हो गए. ऐसे में सोशल मीडिया से लेकर मीडिया तक में लिटिल मास्टर के चर्चे रहे.
सुनील गावस्कर और इंडियन क्रिकेट
सुनील गावस्कर का जन्म 10 जुलाई 1949 के दिन मुंबई में हुआ था. बेशक आज की युवा पीढ़ी महान बल्लेरबाज़ सुनील गावस्कर को एक शानदार कमेंटेटर के रूप में जानती है और महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर टेस्ट क्रिकेट में अपनी उम्दा और कलात्मक पारियों के लिए जाने जाते हैं. उनके जन्मदिन के मौके पर क्रिकेट के कई बड़े खिलाड़ियों सहित कई लोगों ने उन्हें जन्मदिन पर बधाइयां दीं.
सुनील गावस्कर के रिकॉर्ड्स
इंडियन क्रिकेट में रिकॉर्ड का चलन कितना पुराना है पता नहीं लेकिन शरीर से छोटे से कद के गावस्कर ने वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के लंबे-लंबे और तेज गेंदबाजों की गेंदों को मैदान के चारों ओर बाउंड्री के पार भेजा है और इसी वजह से वो अपने जमाने में ‘क्रिकेट का नेपोलियन’ के नाम से मशहूर हैं.
गावस्कर ने अपनी डेब्यू टेस्ट सीरीज में 1971 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ चार मैचों में 154.80 के औसत से चार शतक और तीन अर्धशतक लगाए थे और 774 रन का टारगेट पूरा किया था.
लिटिल मास्टर को टेस्ट क्रिकेट में सबसे पहले सबसे अधिक रनों की पारी पूरी करने का श्रेय हासिल है. इस मुंबइया बल्लेहबाज़ के रिकॉर्ड ऐसे रहे हैं जिसे सचिन और विराट कोहली जैस बल्लेबाज भी नहीं तोड़ पाए.
क्रिकेट इतिहास में सबसे पहले 10 हजार रन का आंकड़ा छूने वाले गावस्कर को इस खेल के चुनिंदा सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में गिना जाता है. उन्होंने सबसे पहले 10,000 रन बनाकर इतिहास रच दिया.
क्यों खास हैं सुनील गावस्कर
1975 का पहला वर्ल्डकप गावस्कर ही क्या भारत के क्रिकेट प्रेमी कभी नहीं भूल पाएँगे. उस वर्ल्ड कप का जिक्र आते ही नजरों के सामने गावस्कर की नाबाद 36 रन की पारी कौंध जाती है जो उन्होंने पूरे 60 ओवर में खेली थी. इसके लिए उन्होंने 174 गेंदों का सामना किया था और सिर्फ एक चौका लगाया था. गावस्कर विश्व क्रिकेट में 10,000 रन और 30 शतक करने वाले पहले बल्लेबाज़ थे.
गावस्कर क्रिकेट की एक अद्वितीय पहेली
गावस्कर क्रिकेट की एक अद्वितीय पहेली हैं. 1986 में उनके खेल जीवन का उत्तरार्द्ध होने के बाद भी उनके खेल में और निखार आया. अपने कॉलेज की ओर से क्रिकेट खेलते समय भी वे सबसे सफल बल्लेबाज माने जाते थे.
1971 में उन्हें टैस्ट टीम के वेस्ट इंडीज दौरे के लिए चुना गया था. सनी को विश्व का सर्वोपरी खिलाड़ी माना जाता है.आज के समय में उनके नाम 10,122 रन दर्ज हैं. और आज उनका नाम देश के महान बल्लेबाजों में गिना जाता है.