ब्लड प्रेशर एक ऐसी बीमारी है जो लाइफ स्टाइल और तनाव के कारण होती है. यदि एक बार हो जाए कई स्थितियों में यह लाइफ टाइम का साथी बन जाता है. हालांकि जीवन शैली और खान-पान में बदलाव से इसे काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है. लाइपा में कई स्थितियां खान-पान, रहन-सहन, एक्सरसाइज ना करना, मानसिक परेशानियां, प्रेगनेंसी ब्लड प्रेशर के पेशेंट को प्रभावित करती हैं.
कई लोगों को पता ही नहीं चलता बीपी का
80 से 85 प्रतिशत लोगों में हाई ब्लड प्रेशर के कारण का पता नहीं लग पाता. केवल 15 से 20 प्रतिशत लोगों में उच्च रक्तचाप के कारण का पता लगता है. इस बीमारी के रोग होने के अनेक कारण हैं जैसे – किडनी खराबी, वेंस में कोलॉस्ट्रॉल जमा होने से, लगातार गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन करने से, गर्भवती महिलाओं में, गलत लाइफ स्टाइल के कारण.
क्या होते हैं ब्लड प्रेशर के लक्षण
वैसे तो बीपी के लोगों में कोई खास लक्षण नहीं मिलते, लेकिन सिर में दर्द होना, पेशाब का ज्यादा होना, धड़कन ज्यादा होना, घबराहट ज्यादा होना इसके लक्षण हैं. बीपी को समय-समय पर चेक जरूर करते रहना चाहिए. इसका ठीक समय पर इलाज नहीं मिलने से पैरेलिसिस यानी की लकवा, ब्रेन हैमरेज, आंखों की रौशनी जाना, हार्ट संबंधी बीमारियां या हार्ट अटैक की संभावना अधिक होती है. यदि इसका इलाज ठीक पर ना लिया जाए तो मौत तक हो सकती है.
क्या है ब्लड प्रेशर की बीमारी का इलाज
बीपी खानपान और मानसिक तनाव से कंट्रोल होता है. रोगी को खानपान में सावधानी बरतनी चाहिए और तनावमुक्त जीवन व्यतीत करने का प्रयत्न करना चाहिए. खानपान में घी और तेल कम करना चाहिए. धूम्रपान भी नहीं करना चाहिए. रोजाना एक्सरसाइज करना चाहिए.
ब्लड प्रेशर के ट्रीटमेंट में कई दवाएं भी इस्तेमाल में लाई जाती हैं जिसे रेगुलर लेने से बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है. इस बीमारी को खानपान में नियंत्रण, मानसिक रूप से तनावमुक्त रहना, धूम्रपान छोड़ने और नियमित दवाओं के सेवन से कंट्रोल किया जा सकता है.
(नोट : यह लेख आपकी जागरूकता, सतर्कता और समझ बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. यदि किसी बीमारी के पेशेंट हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें.)