शरीर का सबसे महत्त्वपूर्ण अंग हृदय है, लेकिन लोग गलतियां करते हैं और हार्ट की बीमारियों पाल लेते हैं. पूरी दुनिया में हार्ट पेशेंट की संख्या बढ़ती जा रही है. इंडिया में भी दिल के रोगियों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. खास बात यह है कि अब हार्ट की बीमारियां किसे अपनी चपेट में ले, यह कहा नहीं जा सकता. बढ़ा ब्लड प्रेशर, ऑक्सीजन की कमी, धमनियों में जमा कैलोस्ट्रॉल ब्लड सर्कुलेशन का कारण बनता है.
इसलिए होती है हार्ट की बीमारियां (Symptoms and Treatments heart attack)
तनाव और गुस्से से बढ़ा ब्लड प्रेशर हार्ट अटैक की ओर ले जाता है. ऐसे लोगों को अटैक का खतरा सामान्य की तुलना में छह गुना ज्यादा होता है. पहले लक्षण सिरदर्द और मांसपेशियों में अकड़न से होते हैं. स्मोकिंग से भी सेहत को खरा रहता है. धूम्रपान करने वालों के पास या साथ रहने पर ऐसी स्थिति आती है.
खास बात यह है कि सिगरेट नहीं पीने वाला ज्यादा फेफड़े खराब कर लेता है. ब्लड में कार्बन डाईआक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है और आक्सीजन की कमी हो जाती है. खून गाढ़ा हो जाता है. उसमें थक्का जमने लगता है. धमनियों में अवरोध होने लगता है और हार्ट अटैक् की स्थिति आ जाती है.
फायदेमंद हैं चाकलेट, कोको और गाय का दूध (know the heart patient diet)
मिठाई के रूप में प्रसिद्ध है चाकलेट और यही चाकलेट हृदय के लिए लाभप्रद है. इसमें कोको और पीपर मिला होता है. गाय का दूध भी लाभकारी है. इसमें वसा की मात्रा सबसे कम होती है. इसमें संतृप्त वसा की मात्रा कम एवं असंतृप्त वसा की मात्रा अधिक होती है. यही लाभ दिलाता है.
हार्ट अटैक से पहले कैसे संकेत देती है बॉडी (heart attack symptoms and warning signs)
छाती में दर्द, भारीपन और छाती पर दबाव. शरीर के बाएं भाग में दर्द, जबड़ा दर्द, दांत और सिरदर्द. सांस कम आना. मिचली, उल्टी, गैस्ट्रिक ट्रबल (पेट का ऊपरी मध्य) भाग की परेशानी. अत्यधिक पसीना आना. पेट में तीव्र जलन और अपच. बेचैनी (बीमारी का अस्पष्ट लक्षण). पीठ के ऊपरी भाग में दर्द ये ऐसे संकेत हैं जो आपको हार्ट अटैक से पहले बॉडी देते हैं.
बिना किसी लक्षण के भी आता है अटैक (heart attack without symptoms)
30 प्रतिशत ऐसी मौतें होती हैं जिन्हें बिना किसी लक्षण के हार्ट अटैक हो जाता है. हाई ब्लड कोलेस्ट्रोल, हाई ब्लड प्रेशर, मादक पदार्थ तम्बाकू (धूम्रपान) का अधिक प्रयोग हृदयाघात का मुख्य कारण हैं. कम वसा और संतुलित खान-पान था संयमित जीवन चर्या से लाभ मिलता है. प्रतिदिन तीस मिनट सुबह एवं शाम को पदयात्रा करने से लाभ मिलता है.
संभल जाएं ऐसे लोग
जिनकी फैमिली हृदय रोगी हैं, वे समय से पहले सावधान हो जाएं. वे 30 साल की आयु के बाद नियमित जांच कराएं. गरिष्ठ वस्तुएं कम खाएं. नमक कम कर दें. मादक पदार्थ न लें. शुगर लेवल सही स्तर पर बनाए रखें. मीठा कम खाएं और तनाव व क्रोध की स्थिति से बचें.
(नोट : यह लेख आपकी जागरूकता, सतर्कता और समझ बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. यदि किसी बीमारी के पेशेंट हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें.)