चीकू (Sapodilla) अत्यंत ही मीठा व स्वादिष्ट फल है. (what is chiku called in English) भोजन के बाद इस फल के सेवन से लाभ होता है, वहीं शरीर में ताजगी और फूर्ती भी आती है. इसमें शर्करा की मात्रा अत्यधिक होती है, जिससे यह खून में घुलकर ताजगी देता है वहीं आंतों की ताकत बढ़ती है तो वे मजबूत होती है.
विटामिंस का भंडार है चीकू (chikoo vitamins and minerals)
चीकू में 71 प्रतिशत पानी, 25 प्रतिशत कार्बोहाइडेट, 14 प्रतिशत शर्करा, 1.5 प्रतिशत प्रोटीन, 1.5 प्रतिशत चर्बी होती है. इस फल में विटामिन ए खूब मिलता है, वहीं फास्फोरस व लौह भी काफी मात्रा में पाया जाता है. इसमें क्षार व विटामिन सी कम होता है. चीकू की तासीर शीतल, पित्तनाशक, पौष्टिक व रुचिकारक होती है. चीकू का सेवन प्रतिदिन करने से हमारे ह्दय और रक्तवाहिकाओं हेतु अत्यंत लाभदायक होता है. What is Chikoo called in India?
ये फायदे हैं चीकू के
चीकू खाने से कब्ज और दस्त की बीमारी को ठीक करने में मदद मिलती है, वहीं चीकू से फेफड़ों के कैंसर से निजात मिलती है, तो यह अनीमिया नामक रोग को भी नियंत्रित करता है. गुर्दे और दिल के रोगों को रोकने में भी यह फल उपयोगी है. गोल चीकू की अपेक्षा आकार में लंबे चीकू स्वाद में श्रेष्ठ और मीठे माने जाते हैं. यह जल्द पच जाने वाला फल है. इसे छिलके सहित खाना बेहतर होता है.
बुखार में भी काम का है चीकू
चीकू शक्तिवर्धक तो है ही, शरीर में मांस तथा चर्बी को भी बढ़ाता है. बुखार होने पर चीकू खाने से फायदा होता है व शरीर में कमजोरी दूर होती है. यदि शरीर में ऊष्मा व पेट में जलन की शिकायत हो तो रोज चीकू खाने से रोग जड़ से समाप्त हो जाता है. पके हुए चीकू का नाश्ते में हलुवा बनाकर खाने से भी लाभ होता है.
काम की है चीकू की छाल
चीकू के पेड़ की छाल बाधक, बुखारनाशक व शक्तिवर्धक होती है, इसकी छाल में टेनिन नामक पदार्थ होता है जिसे काढ़े के रूप में उबाल कर पीने से लाभ होता है. चीकू के पेड़ में चिकिल नामक पदार्थ मौजूद रहता है. इसकी छाल में चीरा लगाकर चिकना व दूधिया रस चिकल नामक गोंद निकाला जाता है जिसे चूसने से मुंह के छालों में आराम मिलता है इसकी गोंद से आजकल स्वादिष्ट च्युइंगम भी बनने लगा है.
चीकू के पेड़ के गोंद से दंत विज्ञान से संबंधित शल्यक्रिया में ट्रासमिशन बेल्टस बनाने में इसका उपयोग किया जाता है वहीं छोटी-छोटी चीजें जोड़ने में गोंद उपयोगी है. चीकू के बीज में सैपोनीन एवं संपोटिनीन नामक कड़वा पदार्थ होता है.
ये लोग बिल्कुल ना खाएं चीकू
डायबटिक के पेशेंट इस फल का सेवन कदापि न करें. इससे शुगर तेजी से बढ़ती है. वहीं मोटे लोग जिनके शरीर में अत्यधिक चर्बी है वे भी चीकू का प्रयोग वर्जित रखें. जिनके शरीर में पित्त की मात्रा ज्यादा है वे भी चीकू न खाएं तो ठीक है. कुल मिलाकर चीकू जहां एक मीठा व स्वादिष्ट फल है, वहीं उत्तम औषधि भी है.