Interim Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी को घोषित किये जाने वाले बजट को लेकर बाजार विशेषज्ञ कई तरह की भविष्यवाणियां कर रहे हैं. दूसरी ओर, वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं होगी. उन्होंने बताया कि आम चुनाव के बाद नई सरकार के सत्ता में आने तक सरकारी खर्च पर ध्यान केंद्रित रहेगा. लेकिन आम चुनाव से पहले बजट आने से उम्मीदें बढ़ रही हैं. विशेषज्ञों को उम्मीद है कि आगामी बजट अधिक अंतरिम प्रकृति का होगा क्योंकि भारत अप्रैल से मई 2024 तक होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए तैयार है. अंतरिम बजट पर क्या हैं विशेषज्ञों की भविष्यवाणी. आइए जानें……
कल्याणकारी खर्च बढ़ाने के लिए तैयार है सरकार
विशेषज्ञों का तर्क है कि सरकार कल्याणकारी खर्च बढ़ाने के लिए तैयार है. अनुमान बताते हैं कि वित्तीय वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.5 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा जा सकता है. इसी पृष्ठभूमि में सरकार कल्याण व्यय बढ़ा रही है. इसके अलावा कहा गया है कि वित्त वर्ष 2026 तक राजकोषीय घाटा कम होकर जीडीपी के 4.5 फीसदी तक पहुंचने की संभावना है.
ग्रामीण क्षेत्रों को समर्थन देने वाली योजनाओं की घोषणा की उम्मीद
कुछ लोगों का कहना है कि सरकार इस बजट में टैक्स में कटौती कर सकती है. ऐसा कहा गया है कि लोगों को कृषि के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों को समर्थन देने वाली योजनाओं की घोषणा की उम्मीद है. विशेष रूप से कृषि को प्रतिकूल मौसम की स्थिति के साथ-साथ मुद्रास्फीति के दबाव जैसी तत्काल चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. वैश्विक विकास संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए पूंजीगत व्यय पर सरकारी खर्च बढ़ने की उम्मीद है. डिजिटलीकृत भारत, हरित हाइड्रोजन, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), ब्रॉडबैंड के विकास को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान देने के साथ बुनियादी ढांचा क्षेत्र को अधिक धन आवंटित किए जाने की उम्मीद है.
4 ट्रिलियन रुपये आवंटित करने की योजना
आगामी वित्तीय वर्ष के लिए, भारत लगभग 4 ट्रिलियन रुपये आवंटित करने की योजना है. उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025 के लिए 26.52 अरब रुपये के खाद्य सब्सिडी व्यय का अनुमान लगाया है. यह वित्तीय वर्ष 2024 में अनुमानित 24.11 बिलियन से 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.
विशेषज्ञों का सुझाव है कि आवास निर्माण के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली धनराशि (फंड) में 15 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी की जा सकती है. इस वृद्धि से वित्तीय वर्ष 2024-2025 के लिए आवास के लिए कुल धनराशि 1 ट्रिलियन रुपये करने की संभावना है. विनिवेश द्वारा सरकार का लक्ष्य 510 अरब रुपये जुटाने का है. उद्देश्य संपत्ति या निवेश का कुछ हिस्सा बेचकर हासिल किया जाना है.