इन दिनों पूरे देश में कर्नाटक हिजाब विवाद (Karnataka Hijab Controversy) छाया हुआ है. एक तरफ कुछ छात्र भगवा रंग का गमछा ओड़े हुए जय श्री राम के नारे लगा रहे है वहीं एक अकेली मुस्लिम छात्रा बुर्खा पहनकर अल्लाह हू अकबर के नारे लगा रही है. ये वीडियो आप इन्टरनेट पर भी कुछ दिनों से देख रहे होंगे. ये बात इतनी आगे बढ़ चुकी है की कर्नाटक में कुछ दिनों के लिए स्कूल-कॉलेज बंद करने की नौबत आ गई और मामला कोर्ट में पहुँच गया. कर्नाटक हाई कोर्ट द्वारा आज इस मामले पर फैसला सुनाया गया है.
कोर्ट ने अपने अपना फैसला 14 फरवरी तक के लिए टालते हुए कहा है ‘पूर्ण फैसला आने तक धार्मिक कपड़े पहनने पर रोक लगी रहेगी. हालांकि स्कूल कॉलेज को खोला जाएगा. कोई भी छात्र धार्मिक वस्त्र जैसे गमछा, स्कार्फ आदि पहनने की जिद न करे. शांति और सद्भावना बनाए रखे.
A more expanded and clean feed of the above episode. #KarnatakaHijabRow pic.twitter.com/TIieUQJUWN
— Imran Khan (@KeypadGuerilla) February 8, 2022
कैसे शुरू हुआ कर्नाटक हिजाब विवाद (How Karnataka Hijab Controversy Started?)
कर्नाटक हिजाब विवाद कोई नया विवाद नहीं है. यहाँ पहले भी कई बार छात्राओं के बुर्खा और हिजाब पहनने पर विवाद हो चुका है. लेकिन बीते साल ही 31 दिसंबर 2021 को उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज में आई 6 छात्राओं को हिजाब पहनने के कारण क्लास में आने से रोका गया. जिसके बाद कॉलेज के बाहर प्रदर्शन शुरू हो गया.
इस मामले को लेकर कॉलेज प्रशासन ने उनके माता-पिता के साथ बैठक की जिसमें इसे सुलझाने की कोशिश की गई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. इसके बाद उडुपी के विधायक रघुपति भेंट ने कहा कि जो छात्राएँ बिना हिजाब के स्कूल या कॉलेज नहीं आ सकती. वे ऑनलाइन क्लास अटेण्ड करें पर छात्राओं ने ऐसा करने से माना कर दिया.
कोर्ट तक कैसे पहुंचा मामला (Hijab girl Muskaan story)
एक तरफ कर्नाटक के उडुपी से मामला शुरू हुआ था. वहीं एक दूसरा मामला कर्नाटक के मांड्या में भी सामने आया जिसके बाद इस विवाद को और भी ज्यादा हवा लगी.
कर्नाटक के मांड्या में पीईएस कॉलेज में कुछ छात्रों का गुट भगवा गमछे पहनकर कॉलेज कैंपस में खड़ा था. जब वहाँ एक मुस्लिम लड़की हिजाब पहनकर कॉलेज में अपना असाइनमेंट सबमिट करने पहुंची तो उसे देखकर छात्रों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए. इसके जवाब में मुस्लिम लड़की ने ‘अल्लाह हु अकबर’ के नारे लगाए. एक अकेली मुस्लिम लड़की के इस तरह जवाब देने पर उसका वीडियो वायरल हुआ और ये मुद्दा पूरे देश की सुर्खियों में आ गया.
जिस छात्रा ने हिजाब पहना था उसका नाम मुस्कान है. मुस्कान ने एक इंटरव्यू में बताया कि उसे हिजाब पहनने की इजाजत कॉलेज प्रशासन ने दी है. बाहरी लोग आकर हम पर दबाव बना रहे हैं, हमे रोकने वाले ये लोग कौन हैं? क्यों हमें इनकी बात सुननी चाहिए.
इस वीडियो के वायरल होते ही कर्नाटक के कुछ और कॉलेज में भी यही मंजर देखने को मिला. वहाँ भी भगवा गमछा धारी छात्र ‘जय श्री राम’ के नारे लगाकर हिजाब पहनी छात्राओं का विरोध कर रहे थे. मामले ने ऐसा तूल पकड़ा की मामला कोर्ट पहुँच गया. कर्नाटक में तीन दिन तक स्कूल बंद करने का आदेश भी दिया गया है.
कर्नाटक हिजाब विवाद का समर्थन (Malala Yousafzai tweet on hijab controversy)
हिजाब मामले में मुस्लिम महिलाओं के समर्थन में उतरी मलाला युसुफजई कहती हैं कि कॉलेज उन्हें पढ़ाई और हिजाब में से किसी एक को चुनने के लिए मजबूर कर रहा है. लड़कियों को अपने हिजाब में स्कूल जाने से रोकना भयावह है. भारतीय नेताओं से अपील है कि मुस्लिम महिलाओं की उपेक्षा करने से रोकना चाहिए.
“College is forcing us to choose between studies and the hijab”.
Refusing to let girls go to school in their hijabs is horrifying. Objectification of women persists — for wearing less or more. Indian leaders must stop the marginalisation of Muslim women. https://t.co/UGfuLWAR8I
— Malala (@Malala) February 8, 2022
दूसरी तरफ प्रियंका गांधी ने हिजाब मामले में समर्थन करते हुए ट्वीट लिखा है कि महिलाओं को उनके हिसाब से कपड़े पहनने का हक है. संविधान उन्हें यह अधिकार देता है. चाहे वह बिकनी हो, घूँघट हो, जींस हो या हिजाब हो यह एक महिला को निर्णय लेना है कि उसे क्या पहनना है.
Whether it is a bikini, a ghoonghat, a pair of jeans or a hijab, it is a woman’s right to decide what she wants to wear.
This right is GUARANTEED by the Indian constitution. Stop harassing women. #ladkihoonladsaktihoon
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 9, 2022
Karnataka Hijab Controversy ने भारत में काफी तेजी से तूल पकड़ा है. लड़कियों को स्कूल और कॉलेज में हिजाब पहनना है या नहीं इस बात का फैसला लोग अपने प्रदर्शन से कर रहे हैं.
कर्नाटक हिजाब मामले पर हाई कोर्ट का फैसला
कर्नाटक हिजाब विवाद में कर्नाटक हाई कोर्ट ने अपना आज का फैसला सुनाया है. कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता में जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की बेंच ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा है कि जब तक अदालत इस मामले पर पूरी तरीके से फैसला नहीं सुना देती है तब तक शिक्षण संस्थान खोले जा सकते हैं. इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को 2.30 बजे की जाएगी. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट चीफ जस्टिस ने मीडिया से अपील की है कि कोर्ट के आदेश को बिना बहस के दौरान कोर्ट द्वारा की गई किसी भी टिप्पणी को रिपोर्ट न करें. कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया, अखबार या कहीं भी आदेश पूरा आने तक रिपोर्टिंग न करें.
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