कैंसर दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारियों में गिनी जाती है. अगर ये इसके लास्ट स्टेज में हो और व्यक्ति को इसका पता न हो तो उसकी जान तक जा सकती है. हालांकि सही समय पर इलाज होने से बचा भी जा सकता है. कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरेपी का उपयोग किया जाता है. कीमोथेरेपी एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
कीमोथेरेपी क्या है? (Chemotherapy in Hindi)
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो शरीर में कोशिकाओं के अनियंत्रित होने पर होती है. इसमें तेजी के साथ नई कोशिकाएँ बनती हैं और ये शरीर को नुकसान पहुंचाती हैं. कीमोथेरेपी में दवाइयों को आपके शरीर में नसो या अन्य जरिये से पहुंचाया जाता है. ये दवाइयाँ सीधे उन कोशिकाओं पर अटैक करती हैं जो बहुत तेजी से बढ़ रही होती हैं. कीमोथेरेपी कई अलग-अलग तरह से होती है इसलिए इसके प्रकार के बारे में समझते हैं.
कीमोथेरेपी के प्रकार (Types of Chemotherapy)
कीमोथेरेपी चार तरह की होती है.
1) आल्कयलटिंग एजेंट
ये एजेंट सीधे हमारे डीएनए पर काम करते हैं और कैंसर कोशिकाओं को मार देते हैं. इसमें बुसुल्फान, थियोटेपा, कलोरमबूसिल शामिल हैं.
2) एंटीमेटाबोलाइट्स
इस प्रक्रिया में दवाइयाँ नकली प्रोटीन का निर्माण करती हैं जिसे खाने के बाद कैंसर कोशिकाओं को कोई फायदा नहीं होता और वे भूख से मर जाती हैं. इसमें फोलेट एंटागोनिस्ट, प्यूरिन एंटागोनिस्ट शामिल हैं.
3) प्लांट एल्कलॉइड्स
इस प्रक्रिया में कैंसर की कोशिकाओं की विभाजित होने की क्षमता रुक जाती है. जिससे वे आगे कैंसर नहीं फैला पाती हैं.
4) एंटीट्यूमर एंटीबायोटिक्स
इसमें भी कैंसर के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया को रोका जाता है. इसमें डीएनए के साथ दवाइयां जुड़कर RNA को सिंथेसाईज करती है.
कीमोथेरेपी कैसे होती है? (How Chemotherapy works?)
कीमोथेरेपी कैसे और किस प्रकार से होगी ये कैंसर के प्रकार, ट्यूमर के प्रकार, कैंसर शरीर में कहाँ फैला है, कैंसर किस स्टेज में हैं इन बातों पर निर्भर करता है. इसका इलाज अलग-अलग तरह से किया जाता है. जिसमें कीमोथेरेपी भी काफी अलग-अलग तरह से की जाती है. कीमोथेरेपी में दवाई को किसी माध्यम से शरीर में भेजा जाता है और ये दवाइयां सीधे अनियंत्रित कोशिकाओं पर अटैक करती हैं, जिससे इनकी बढ़ने की दर कम हो जाती है.
कीमोथेरेपी से कैंसर का इलाज कैसे होता है? (How is cancer treated by chemotherapy?)
कीमोथेरेपी से कैंसर का इलाज अलग-अलग तरीकों से किया जाता है.
1) कैंसर के इलाज के लिए कुछ दवाओं को सीधा नसों के जरिये शरीर में पहुंचाया जाता है. इसमें कुछ मिनट से कुछ घंटे लगते हैं. इसे कंटिन्युस इंफ्यूजन कीमोथेरेपी कहा जाता है.
2) कीमोथेरेपी में ही कुछ दवाएं रोगी को मुंह से दी जाती है. इनमें गोलियां, कैप्सूल या सीरप होता है.
3) कुछ मामलों में कीमोथेरेपी इंजेक्शन दिया जाता है. ये इंजेक्शन कैंसर से प्रभावित अंग पर लगाया जाता है.
4) किसी को यदि पेट के अंदर कैंसर होता है तो दवा को सीधे पेट तक पहुंचाने का तरीका भी अपना जाता है.
5) त्वचा पर होने वाले कैंसर के लिए क्रीम का उपयोग किया जाता है.
कीमोथेरेपी के फायदे (Chemotherapy benefits)
कीमोथेरेपी कैंसर के इलाज के लिए काफी ज्यादा पॉपुलर है क्योंकि ये काफी फायदेमंद है.
– ये कैंसर के खतरे और उसके प्रभाव को कम करती है.
– कैंसर सर्जरी होने के बाद दोबारा कैंसर होने के खतरे को कीमोथेरेपी कम करती है.
– कीमोथेरेपी के जरिए कैंसर को पूरी तरह खत्म भी किया जा सकता है यदि कैंसर का पता सही स्टेज पर लगा लिया जाए.
कीमोथेरेपी के नुकसान (Chemotherapy Side Effect)
कीमोथेरेपी से शरीर में कुछ नुकसान भी देखे गए हैं क्योंकि इस प्रक्रिया में आपके शरीर की कोशिकाएँ प्रभावित होती हैं इसलिए शरीर को नुकसान तो होता ही है.
– थकान होना, बुखार होना.
– बालों का तेजी से झड़ना.
– कब्ज या डायरिया
– गले से निगलने में असमर्थता होना.
– त्वचा के रंगो में बदलाव होना.
– वजन में परिवर्तन
– प्रजनन संबंधी समस्या.
कीमोथेरेपी की कीमत (Chemotherapy Price in India)
भारत में शरीर का इलाज करवाना काफी महंगा होता है. ऐसे में यदि कैंसर हो जाए तो फिर तो आपको बहुत पैसा खर्च करना पड़ता है. कैंसर हो जाने पर कीमोथेरेपी की कीमत भारत में औसतन 5 हजार से 50 हजार के बीच है. आप जैसा अस्पताल चुनेंगे उस हिसाब से पैसे लगेंगे. वहीं कीमोथेरेपी इंजेक्शन की कीमत पहले 22 से 30 हजार के बीच हुआ करती थी. इन्हें घटाकर 3000 रुपये कर दिया गया है.
कीमोथेरेपी एक बहुत ही महंगी थेरेपी है लेकिन यदि आप इसे सस्ते में करवाना चाहते हैं तो आप कुछ सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं. इसमें आयुष्मान भारत योजना के तहत कैंसर का इलाज मुफ्त किया जाता है. इसमें 5 लाख तक का कवर दिया जाता है.
यह भी पढ़ें :
कितने तरह का होता है कैंसर, क्या होते हैं कैंसर के लक्षण?
Cancer Disease: कैंसर क्या है? कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या हैं?