ज्योतिष में कहा जाता है कि हमारा भविष्य ग्रहों की चाल पर निर्भर करता है. कौन सा ग्रह कौन से स्थान पर बैठेगा और क्या असर करेगा ये सब ग्रहों पर निर्भर करता है. ज्योतिष के अनुसार नवग्रह हैं और उन्हीं में से एक ग्रह शुक्र है. शुक्र का आपके जीवन पर क्या प्रभाव होता है? शुक्र का क्या महत्व है और शुक्र के क्या उपाय हैं ये सभी बातें आपको जरूर जाननी चाहिए.
ज्योतिष और कुंडली में शुक्र ग्रह
शुक्र ग्रह को एक शुभ ग्रह माना जाता है. सौर मण्डल में ये सूर्य के बाद और चंद्रमा के बाद रात में चमकने वाला ये दूसरा ग्रह है. शुक्र को पृथ्वी का जुड़वा ग्रह भी कहा जाता है. शुक्र को हमारे जीवन में प्रेम व सुख का कारक माना जाता है. इसकी स्थिति का आंकलन करके हम ये पता लगा सकते हैं कि आपकी ज़िंदगी में कब और कितना प्रेम आएगा.
ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व
शुक्र को ज्योतिष में एक शुभ ग्रह माना गया है. इससे व्यक्ति को भौतिक, शारीरिक, और वैवाहिक सुखों कि प्राप्ति होती है. ज्योतिष में इसे भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, भोग विलास, शोहरत, कला, प्रतिभा, सौन्दर्य, रोमांस, काम वासना आदि का कारक माना जाता है. शुक्र वृषभ और तुला राशि का स्वामी होता है. मीन इसकी उच्च राशि तथा कन्या इसकी निम्न राशि होती है. शुक्र एक राशि में करीब 23 दिनों तक रहता है.
ज्योतिष और जीवन में शुक्र का प्रभाव
शुक्र का मानव जीवन पर प्रभाव उसकी कुंडली के स्थान पर निर्भर करता है. शुक्र जिस स्थान पर होगा वो उसी अनुसार फल देगा. शुक्र के कारण मानव की शारीरिक संरचना पर प्रभाव पड़ता है, उसका दूसरों के प्रति आकर्षण बढ़ता है, वह मृदुभाषी होता है, उसका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है, जीवन में रोमांस की वृद्धि होती है.
कुंडली के 12 भावों में शुक्र का प्रभाव
कुंडली के प्रथम भाव या लग्न में शुक्र का फल: यदि आपकी कुंडली में शुक्र पहले स्थान पर है तो वो आपको एक्टिव बनाएगा. आप कला के शौकीन बनेंगे, आप संगीत, नृत्य और चित्रकला में रुचि रखेंगे. पहले स्थान पर शुक्र आपके भाग्य को अच्छा बनाने में मदद करता है.
कुंडली के दूसरे भाव या द्वितीय धन भाव में शुक्र का प्रभाव : दूसरे घर में शुक्र एक अच्छा जीवन साथी दिलाने का संकेत करता है जिससे आप समृद्ध होते हैं. वो जीवन साथी आपके जीवन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक होता है.
कुंडली तृतीय यानी पराक्रम भाव में शुक्र का प्रभाव: तीसरे घर में शुक्र आपकी अच्छी मानसिक क्षमता को दर्शाता है. यहाँ आपको शुक्र स्वस्थ्य को लेकर थोड़ा परेशान कर सकता है. इसके कारण आप आर्थिक मामलों में भी सफल नहीं हो पाते हैं.
चौथे घर में शुक्र का प्रभाव : ये भाव आपको भाग्यशाली बनाता है. यहाँ शुक्र होने से आपके पास एक से ज्यादा वाहन हो सकते हैं, आपका अपना घर हो सकता है और आपका आपकी माता कि ओर अत्यधिक प्रेम हो सकता है.
पांचवे घर में शुक्र का प्रभाव : ये स्थान दर्शाता है कि आपको पुत्री कि प्राप्ति हो सकती है. आपका रुझान कविता, संगीत, लेखन जैसे क्षेत्रों कि ओर जा सकता है. आपको सरकार द्वारा कोई सम्मान प्राप्त हो सकता है.
छठे घर में शुक्र का प्रभाव : इस घर में शुक्र होने से आपके मित्र ज्यादा बनेंगे और शत्रु कम होंगे. आप दूसरों कि मदद करने के लिए आगे रहेंगे.
सातवे घर में शुक्र का प्रभाव : ये स्थान आपको बुरे व्यसनों में डाल सकता है. आप कई बीमारियों में पड़ सकते हैं. यहा बैठा शुक्र आपको झगड़ालू बना सकता है और दूसरों को सम्मान देना कम कर सकता है.
आठवे घर में शुक्र का महत्व : इस घर में शुक्र के आने से आपके पास संसार के सारे सुख रहेंगे लेकिन शुक्र कि ये स्थिति आपकी माँ के लिए अच्छी नहीं रहेगी. उन्हें तरह-तरह की बीमारियाँ परेशान कर सकती हैं.
नौवे घर में शुक्र का प्रभाव : नौवे घर में शुक्र होने का मतलब शुभ संकेत होता है. आपको धन कि कमी नहीं होती, आप धार्मिक कार्यों में रुचि लेते हैं. आपको अपने भाइयों से भी सुख की प्राप्ति होती है.
दसवे घर में शुक्र का प्रभाव : दसवे घर में शुक्र का होना दर्शाता है कि आप लोभी बन सकते हैं. आप दूसरों का एहसान न मानने वाले निकलेंगे. संतान सुख कि कमी रहेगी. आप विलासी और शक करने वाले रहेंगे.
ग्यारहवे घर में शुक्र का प्रभाव : अगर आपकी कुंडली में शुक्र ग्यारहवे स्थान पर है तो समझ लीजिये कि आप जो भी काम करेंगे आपको उसमें लाभ ही मिलेगा. ये आपकी सुंदरता, अच्छे व्यवहार, कीर्ती, यश, धन सभी चीजों को बढ़ाता है.
बारहवे घर में शुक्र का प्रभाव : इस स्थान पर शुक्र आपको किसी भी चीज कि कमी नहीं होने देगा. ये आपको बलवान और शत्रुओं का नाश करने वाला बनाएगा. लेकिन इसमें कुछ अवगुण भी है जैसे पराई स्त्री पर नजर रखना और आलस.
शुक्र के उपाय
यदि आपकी कुंडली में शुक्र ऐसे स्थान पर जहां वो आपको नुकसान पहुंचा रहा है तो आप उसके लिए कुछ उपाय कर सकते हैं.
– सफ़ेद वस्तु, ज्वार आदि का दान कर सकते हैं.
– कन्यों का पूजन करें.
– किसी पुजारी कि पत्नी को चांदी, चावल, दूध, दही, सफ़ेद चन्दन, सफ़ेद वस्त्र आदि दान करें.
– चन्दन के तेल में कपूर डालकर उपयोग करें एवं काली चींटियों को चीनी खिलाये.
– शुक्रवार का व्रत रखें एवं घर में तुलसी का पौधा लगाए.
यंत्र : शुक्र यंत्र
मंत्र : ॐ द्रां द्रीं द्रौ सः शुक्राय नमः
जड़ : अरंड मूल
रत्न : हीरा
रंग : गुलाबी
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