Wed. Nov 20th, 2024

किसी इंसान का नाम उसकी पहचान होती है. लेकिन कभी ऐसा वक़्त भी आता है जब उसे अपना नाम बदलना (Name Change) पड़ता है. लेकिन उन्हें ये पता नहीं होता है कि नाम बदलने का कानूनी तरीका (name change legal process) क्या होता है? नाम परिवर्तन का प्रोसैस क्या है? (Name change process) नाम बदलने के लिए विज्ञापन कैसे दिया जाता है और सरकार आपके नाम परिवर्तन को किस प्रकार मान्य करती है.

नाम बदलने के नियम (Name change rule)

नाम बदलने को तो आप खुद भी बदल सकते हैं लेकिन आपको इसका कोई फायदा नहीं मिलने वाला क्योंकि ये आपकी कानूनी रूप से पहचान नहीं बन पाता. अगर आप कानूनी रूप से अपना नाम बदलवाना चाहते हैं तो उसके लिए प्रोसेस है. अगर आप कानूनी दस्तावेजों में अपना नाम बदलवाना चाहते हैं तो आपको गज़ट का सहारा लेना पड़ेगा.

गज़ट क्या होता है? (What is gadget?)

गज़ट एक प्रकार का सरकारी दस्तावेज़ होता है जो दो प्रकार का होता है. एक होता है केंद्र सरकार का और दूसरा होता है राज्य सरकार का. दोनों सरकार में जब किसी सरकार को कोई कानून लागू करना होता है तो वे गज़ट के माध्यम से लागू करते हैं. ये हर सप्ताह एक बुकलेट की तरह पब्लिश होता है. इसी गज़ट का उपयोग आप अपने नाम, धर्म, लिंग में परिवर्तन के लिए कर सकते हैं.

नाम बदलने का कानूनी तरीका (Name change legal process)

कानूनी रूप से नाम बदलने के लिए आपको सबसे पहले अपने नाम बदलने की सूचना अखबार में विज्ञापन देकर देना होता है. अगर आप अपना नाम या सरनेम में परिवर्तन करवाना चाहते हैं तो आपको कम से कम को अखबारों में विज्ञापन देना पड़ता है. एक उस राज्य का लोकल भाषा का अखबार और दूसरा अंग्रेजी भाषा का अखबार होना चाहिए. अखबार में विज्ञापन देने के लिए आपको 10 रुपये के स्टांप पेपर पर एफ़िडेविट टाइप करवाना होगा. (स्टांप फीस अलग-अलग राज्य के अनुसार अलग-अलग हो सकती है.) ये एफ़िडेविट आप किसी वकील के द्वारा बनवा सकते हैं.

नाम बदलने का कारण (Reason for name change)

नाम बदलने की प्रक्रिया में जब आप अखबार में विज्ञापन देते हैं तो उसमें नाम बदलने का कारण भी देना होता है. ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे कि किसी व्यक्ति को अगर कोई ऐतराज हो तो वो कोर्ट में ऑबजेक्शन ले सके. यही कारण है कि इन्हें दो अखबारों में प्रकाशित करवाया जाता है ताकि हर भाषा का व्यक्ति इन्हें पड़कर ऑबजेक्शन ले सके.

जब आपका नाम का विज्ञापन उस न्यूज़पेपर में छपकर आ जाए तो आपको एक और एफ़िडेविट बनवाना होता है. ये पहले वाले एफ़िडेविट की तरह ही होता है इसमें बस एक और पैरा जोड़ा जाता है. जिसमें ये लिखा हो कि आप अपना नाम या सरनेम क्यों बदलवाना चाहते हैं. इस पैरा में आपको नाम बदलने का कारण बताना होता है. इसके अलावा आप को एक एप्लिकेशन भी To, The Controller of publication के नाम से देनी होती है. इसमें भी कारण लिखा होना चाहिए. इस आवेदन को अपने सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ आपको आपने जिला व राज्य के Controller of publication के ऑफिस में जाकर जमा करना होता है.

नाम बदलने के लिए दस्तावेज़ (Name change process document)

नाम बदलने के की प्रक्रिया के दौरान आपको कुछ जरूरी दस्तावेज़ की आवश्यकता होती है.

– एप्लिकेशन
– एफ़िडेविट
– न्यूज़पेपर की प्रति
– आधार कार्ड

नाम बदलने की प्रक्रिया का समय (Name change process time period)

नाम बदलने की प्रक्रिया के दो चरण है. पहले में आपको न्यूज़पेपर में विज्ञापन देना होता है जिसमें तीन दिन का समय लगता है. दूसरा चरण में आप सरकार के राजपत्र में नाम आने के लिए आवेदन करते हैं. इस प्रोसैस को पूरा होने में एक से दो सप्ताह का समय लगता है. राज्य सरकार या केंद्र सरकार का राजपत्र या गज़ट एक सप्ताह में एक बार ही निकलता है.

नाम बदलने की प्रक्रिया आसान है लेकिन इसमें थोड़ा सा समय और पैसा खर्च करना पड़ता है. इसमें आपको एफ़िडेविट बनवाने के लिए और गज़ट में नाम प्रकाशित करवाने के लिए शुल्क देना होता है. आप किसी अच्छे वकील की मदद से आसानी से नाम बदलवा सकते हैं.

यह भी पढ़ें :

NGO : एनजीओ कैसे बनाया जाता है, एनजीओ फंड कैसे प्राप्त करते हैं?

Anticipatory bail : अग्रिम जमानत क्या होती है, अग्रिम जमानत के नियम?

MSME क्या है, MSME रजिस्ट्रेशन कैसे होता है?

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *