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Lease Property Rule : लीज प्रॉपर्टी के नियम, लीज एग्रीमेंट 99 साल का क्यों होता है?

किसी व्यक्ति को जब बिजनेस करना होता है तो उसे जमीन की जरूरत पड़ती है. जमीन की जरूरत को पूरा करने के लिए या तो उसे जमीन खरीदनी पड़ती है या फिर किराए पर लेना पड़ती है. इसके अलावा व्यक्ति चाहे तो जमीन को लीज (Property lease rule) पर लेकर भी अपना बिजनेस लंबे समय के लिए चला सकता है. लेकिन उसे पता होना चाहिए की लीज क्या होती है?

लीज क्या होती है? (What is lease property?)

लीज (Lease) एक तरह का अनुबंध (Agreement) होता है मालिक और उपयोगकर्ता के बीच में. किसी प्रॉपर्टी को लीज पर लेने की बात करें तो इसमें जो व्यक्ति प्रॉपर्टी का उपयोग करना चाहता है वो उस प्रॉपर्टी के मालिक से उसे कुछ सालों के लिए लीज पर ले सकता है. इन सालों के दौरान प्रॉपर्टी का रखरखाव उस व्यक्ति की ज़िम्मेदारी रहेगी जो इसे लीज पर ले रहा है. अगर वो व्यक्ति प्रॉपर्टी में बदलाव करना चाहता है, निर्माण करना चाहता है या कुछ भी करना चाहता है तो उसे ये सभी बाते अनुबंध में लिखवानी होती है. प्रॉपर्टी को लीज पर लेने के लिए भी उपयोगकर्ता को भुगतान करना होता है. इसका भुगतान चाहे तो एकमुश्त या किश्तों में हो सकता है.

लीज प्रॉपर्टी की विशेषताएं ? (Lease property characteristic)

लीज पर ली जाने वाली प्रॉपर्टी काफी खास होती है लेकिन ये सभी के लिए फायदेमंद नहीं होती है. ये उन लोगों के लिए फायदेमंद होती है जो किसी खास जगह पर बिजनेस करना चाहते हैं और बिजनेस शुरू करते समय जमीन नहीं खरीद पा रहे हैं. ऐसे में वे जमीन की कीमत से कम कीमत में उस प्रॉपर्टी को लीज पर ले सकते हैं.

किसी भी बिजनेस को लंबे समय के लिए चलाया जाता है ऐसे में जरूरत होती है कम से कम कुछ सालों तक के लिए प्रॉपर्टी आपके पास रहे. अगर आप प्रॉपर्टी लीज पर ले रहे हैं तो आप 99 सालों तक प्रॉपर्टी को लीज पर ले सकते हैं. इतने में आप बिजनेस करके किसी दूसरी जगह अच्छी प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं.

लीज पर ली जाने वाली प्रॉपर्टी पर चाहे तो निर्माण भी करवा सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको एग्रीमेंट में इस बात की जानकारी पहले ही देना होती है. आप प्रॉपर्टी के मालिक तो नहीं होते लेकिन प्रॉपर्टी की पूरी ज़िम्मेदारी आपकी ही होती है.

लीज एग्रीमेंट 99 साल का क्यों होता है? (Why lease property for 99 years?)

लीज एग्रीमेंट में एक निश्चित रकम जमीन के मालिक को दी जाती है और दोनों के बीच समझौता किया जाता है. प्रॉपर्टी लीज पर देने का मतलब होता है की जिसने प्रॉपर्टी ली है वो पूरी तरह इसका उपयोग कर सकता है. अब कोई व्यक्ति अगर इस पर निर्माण करवाता है, कोई बिल्डिंग बनवाता है अपने बिजनेस के लिए तो उसे लंबे समय तक इसका उपयोग करना जरूरी होता है. अगर वो उपयोग नहीं करेगा तो उसे फायदा कैसे होगा और उसने जो निर्माण करवाया है जो पैसा इन्वेस्ट किया है वो कैसे निकलेगा. इन सभी बातों को देखते हुए जमीन को 99 साल के लिए लीज पर दिया जाता है ताकि सामने वाले ने जो पैसा आपकी जमीन पर लगाया है वो उससे फायदा कमा सके. दोनों चाहे तो 99 साल के आगे फिर से जमीन को लीज पर दे सकते हैं.

लीज प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड प्रॉपर्टी कैसे कराएं? (How to transfer lease property to free hold property?)

आप चाहे तो लीज प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड प्रॉपर्टी में बदल सकते हैं. फ्री होल्ड प्रॉपर्टी वो प्रॉपर्टी होती है जो लीज पर नहीं दी जा रही हो और और उसका मालिकाना हक किसी व्यक्ति विशेष के पास हो. उसे लीज पर देने का काम नहीं होता है. अगर आप किसी लीज प्रॉपर्टी का उपयोग कर रहे हैं और उस प्रॉपर्टी को खरीदना चाहते हैं तो आप जमीन के मालिक की अनुमति पर प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड प्रॉपर्टी में बदल सकते हैं. इसके लिए आपको संबन्धित अथॉरिटी के ऑफिस से टाइटल कनवर्ज़न करवाना होगा.

लीज और रेंट प्रॉपर्टी में क्या अंतर है? (Difference between lease and rent property)

कई लोगों को लगता है की लीज और रेंट पर प्रॉपर्टी लेना एक ही बात है लेकिन इन दोनों में काफी अंतर होता है. प्रॉपर्टी किराए पर लेने का मतलब है की किसी व्यक्ति की बनी-बनाई प्रॉपर्टी का आप कुछ दिन तक उपयोग करेंगे. आप उसमें ज्यादा बदलाव करने के अधिकारी नहीं होते हैं. इसके अलावा प्रॉपर्टी ज्यादा से ज्यादा 11 महीनों के लिए किराए पर ली जा सकती है जबकि लीज पर आप कई सालों के लिए प्रॉपर्टी ले सकते हैं. लीज वाली प्रॉपर्टी पर आप निर्माण भी करवा सकते हैं.

प्रॉपर्टी को लीज पर लेना है या किराए पर ये आपके बिजनेस पर तय करता है. अगर आप किसी खास जगह पर कुछ सालों के लिए बिजनेस करना चाहते हैं तो आपको प्रॉपर्टी लीज पर लेना चाहिए क्योंकि इससे आपको वहाँ से हटने का दर नहीं रहता. अगर आप कुछ महीनों के लिए कोई बिजनेस किसी खास जगह पर जमाना चाहते हैं तो आप प्रॉपर्टी को किराए पर ले सकते हैं.

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