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तीरंदाजी (Archery) भारत में पौराणिक काल से प्रचलन में है. रामायण में भगवान श्री राम और महाभारत में अर्जुन ने तीरंदाजी से भीषण युद्ध लड़े थे. वैसे समय के साथ-साथ तीरंदाजी (Archery) अब सिर्फ एक खेल रह गई है. तीरंदाजी (teerandazi) आज अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी है. यहां तक की ओलम्पिक में भी तीरंदाजी के लिए प्रतियोगिता आयोजित की जाती है. भारत में राष्ट्रीय स्तर पर तीरंदाजी के लिए कई प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है.

तीरंदाजी का उद्देश्य (Archery Function)

तीरंदाजी में खेलने वाले को लक्ष्य दिया जाता है जिस पर उसे अपने तीर के द्वारा निशाना लगाना होता है. इसमें विभिन्न रूप है लेकिन सभी जगह पर उद्देश्य एक जैसा ही होता है. तीरंदाज का उद्देश्य सिर्फ अपने लक्ष्य के केंद्र के करीब निशाना लगाना होता है. लक्ष्य और तीरंदाज के बीच की दूरी प्रतियोगिता पर निर्भर करती है. वैसे ओलंपिक में इनके बीच की दूरी 70 मीटर होती है.

तीरंदाजी के लिए जरूरी उपकरण (Archery instrument)

– तीरंदाजी के लिए आपको सबसे पहले एक अच्छा धनुष चाहिए होता है जो बाजार में मिल जाता है.
– धनुष के साथ ही कुछ तीर भी चाहिए होते हैं जिसे आप निशाना लगाएंगे.
– इसके अलावा तरकश जिसमें तीर रखे जाते हैं.
– चमड़ें का दस्ताना
– कमान की खिंचाव की जांच करने का यंत्र
– तीरंदाजी लक्ष्य के लिए एक बोर्ड जो वृत्ताकार हो और उसमें अलग-अलग रंग के वृत्त बने हो.

तीरंदाजी में तीर के आकार और प्रकार (Archery arrow type)

तीरंदाजी के लिए उपयोग किए जाने वाले तीर एल्युमिनियम या कार्बन ट्यूब के बने होते हैं. इन तीरों की लंबाई व वजन उसकी कमान के अनुपात में होता है. प्रायः एक तीर का वजन 28 ग्राम तक होता है.

तीरंदाजी के नियम (Archery rule)

तीरंदाजी के नियम बड़े ही आसान है तथा इसके लक्ष्य में ही छुपे हैं.

तीरंदाजी में लक्ष्य भेदने के लिए एक वृत्ताकार डिस्क या बोर्ड रखा जाता है. इस पर विभिन्न रंग जैसे सफ़ेद, काला, नीला, लाल और सुनहरा पीले रंग के गोल घेरे बने होते हैं. आपका तीर जिस रंग के घेरे पर जाकर लगता है उसके हिसाब से आपको अंक मिलते हैं. हर रंग के लिए अलग-अलग अंक निर्धारित होते हैं.

– किसी खिलाड़ी का तीर यदि सफ़ेद रंग पर बाहर की ओर लगता है तो उसे 1 अंक मिलता है और अगर अंदर की ओर लगता है तो उसे 2 अंक मिलते हैं.
– किसी खिलाड़ी का तीर काले रंग पर बाहर की ओर लगता है तो उसे 3 अंक मिलते हैं अगर तीर अंदर की ओर लगता है तो उसे 4 अंक मिलते हैं.
– किसी खिलाड़ी का तीर नीले रंग पर बाहर की ओर लगता है तो उसे 5 अंक और अंदर को ओर लगता है तो 6 अंक प्राप्त होते हैं.
– किसी खिलाड़ी का तीर यदि लाल रंग पर बाहर की ओर लगता है तो 7 अंक यदि अंदर की ओर लगता है तो 8 अंक प्राप्त होते हैं.
– किसी खिलाड़ी का तीर यदि सुनहरे रंग पर बाहर की ओर लगता है तो उसे 9 अंक और अंदर की ओर लगता है तो उसे 10 अंक मिलते हैं. इस बोर्ड में सबसे अंदर की तरफ सुनहरा रंग होता है जो बोर्ड के केंद्र में होता है इसलिए इस पर निशाना लगाने वाले को ज्यादा अंक मिलते हैं.

तीरंदाजी में स्कोर के नियम (Archery score rule)

तीरंदाजी में स्कोर देने के कुछ नियम होते हैं. इनके अनुसार यदि तीरंदाजी में लंबी दूरी है तो स्कोर 6 तीरों के बाद दिया जाएगा और कम दूरी है तो 3 तीरों को चलाने के बाद स्कोर दिया जाएगा. आप इन तीरों को ट्रायल मान सकते हैं.

तीरंदाजी प्रतियोगिता में आपको स्कोर तभी मिलेगा जब आपका तीर लक्ष्य को भेदकर वहीं टिका रहे. अगर आपका तीर लक्ष्य तक नहीं पहुंचा या लक्ष्य से टकराकर वापस लौट गया और नीचे गिर गया तो लक्ष्य के अनुसार स्कोर नहीं मिलता है. तीरंदाजी प्रतियोगिता में होने वाले सेट में जो सबसे ज्यादा अंक हासिल करता है उसे विजेता घोषित किया जाता है.

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By रवि नामदेव

युवा पत्रकार और लेखक

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