पिछले दिनों देश में विभिन्न समस्याओं का डिजिटल तरीके से समाधान ढूंढने के लिए देशभर के 26 शहरों में पहली बार स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन की शुरुआत हुई. इस हैकाथॉन में जुटे करीब 10 हजार छात्रों से प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुखातिब हुए.प्रधानमंत्री ने छात्रों को सतत प्रयासरत रहने का पाठ पढ़ाया और उत्साहवर्धन किया. छात्र भी पीएम से रूबरू होकर उत्साह में नज़र आए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समाज के समक्ष आने वाली रोजमर्रा की समस्याएं सुलझाने में सूचना एवं प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ाने तथा नये खोजकर्ताओं से समस्याओं का समाधान खोजने को कहा.
नवोन्मेष बढ़ाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से आयोजित ‘स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन’ के 10,000 से ज्यादा प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि उनकी योजनाओं ‘न्यू इंडिया –स्मार्ट इंडिया ,‘स्मार्ट सिटी’ और कैशलेस लेनदेन के मूल में तकनीकी समाधान ही हैं. उन्होंने विद्यार्थियों से ज्ञान और कौशल के बीच फर्क समझने को कहा. उन्होंने कहा कि कौशल विकास पर उनका पूरा ध्यान जनांकीकीय लाभ को विकास के लाभ में बदलने तथा इसके माध्यम से नये भारत का निर्माण करने में मददगार साबित होगा. मोदी ने इस कदम के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए कहा कि 29 से ज्यादा मंत्रालय इस काम में जुटे हुए हैं और इसमें निकलने वाले समाधान को उनके तर्कपूर्ण निष्कर्ष तक पहुंचाया जाएगा.
भारत प्राचीन काल से ही ज्ञान के क्षेत्र में अव्वल रहा है, उसने शून्य को खोजा और ‘‘उपनिषद से उपग्रह तक की यात्रा तय की है.’’लेकिन अब जरूरत है कि समाज के सामने आने वाली समस्याओं को सुलझाने के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक उपयोग किया जाए. क्योंकि समाज तेजी से तकनीक की ओर बढ़ रहा है.’’
स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन क्या है?: विकास के लिए एक व्यापक जन आंदोलन बनाने और सूचना एवं प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए सुशासन को भारत में हर किसी तक पहुँचाने के लिए स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन की शुरुआत की गई है.इससे देश में डिजिटल डिवाइड को पाटने और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने में मदत मिलेगी .इसका उद्देश्य देश के प्रत्यक्ष लाभ के लिए लाखों छात्रों की रचनात्मकता और तकनीकी विशेषज्ञता के प्रयोग द्वारा एक मॉडल को संस्थागत रूप देना है.’स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन प्रशासन और जीवन की गुणवत्ता में सुधार समाधान के लिए जनसंसाधन जुटाता है और भारत की कठिन समस्याओं के अभिनव समाधान प्रदान करने के लिए नागरिकों को अवसर देता हैं.केंद्र सरकार के कई मंत्रालय इस योजना में भागीदार हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का विद्यार्थियों से संवाद : वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रतिभागियों को संबोधित करने के बाद उन्होंने विभिन्न शहरों के प्रतिभागियों से बातचीत भी की. सभी ने अपनी खोज और विचारों के बारे में उन्हें बताया. विद्यार्थियों से बातचीत के दौरान, मोदी ने कहा कि ‘‘नये भारत’’ के निर्माण के सपने को पूरा करने का जूनून प्रत्येक भारतीय में वैसा ही होना चाहिए, जैसा जुनून भारत की आजादी से पहले सबके दिलों में स्वतंत्र होने के लिए था.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह एक भ्रम है कि सरकार को सबकुछ पता है और उसके पास प्रत्येक समस्या का समाधान है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सरकार के बाहर लोगों के पास भी तमाम अच्छे विचार हैं और वे साथ मिलकर मौजूदा समस्याएं हल कर सकते हैं. उन्होंने रेखांकित किया कि हैकाथॉन के प्रतिभागियों को समाज में रोजाना आने वाली 500 समस्याओं और चुनौतियों का समाधान खोजने की जिम्मेदारी दी गयी थी और उनसे कहा गया था कि यह उनके लिए चुनौती और अवसर दोनों है.
उन्होंने कहा, ‘‘जब आप अपनी ऊर्जा का प्रयोग सुशासन के क्षेत्र में करते हैं तो कई सकारात्मक परिणाम निकलते हैं.’’ बिना चालकों वाले वाहन जैसी खोज का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में इंटरनेट सबसे महत्वपूर्ण होगा और फिलहाल स्मार्ट सिटी परियोजना में उसका बड़े पैमाने पर प्रयोग हो रहा है.
सच्चाई यह है नवोन्मेष भविष्य की नींव है और इतिहास वही लिखता है जो मौजूदा प्रणाली को चुनौती देता है. मोदी ने विद्यार्थियों से कहा कि वह अपने विचारों पर अटल रहें, उन्हें बेकार ना जाने दें. उन्होंने उदाहरण दिया कि किस प्रकार कई बड़े उद्योगपतियों को पहले निराशा हाथ लगी और बाद में वे अरबों डॉलर की कंपनियों के मालिक बने. ऐसे ही प्रतिभाशाली नौजवानों की मदद करने के लिए उन्होंने स्टार्ट-अप इंडिया और मुद्रा योजना शुरू की है.
तकनीक से संचालित युग में रह रहे हैं : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीवन में प्रौद्योगिकी के महत्व को समझने के लिए युवाओं की सराहना की,साथ ही कहा कि आज प्रौद्योगिकी किसी भी काम को आसान बनाने में मदद कर रही है और गुणवत्ता वाला जीवन प्रदान करने में मदद कर रही है. अपनी तरह के पहले अखिल भारतीय 36 घंटे के हैकाथॉन में प्रधानमंत्री ने युवाओं की आकांक्षाओं, उनकी जिज्ञासाओं और राष्ट्र की समस्याओं के त्वरित और विश्वसनीय समाधान पाने के लिए उनके उत्साह की प्रशंसा की.
लोकतंत्र में जन भागीदारी के महत्व की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी की भागीदारी से समस्याओं के समाधान खोजे जा सकते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि आज का युवा नौकरी तलाशने वाला नहीं बल्कि नौकरी निर्माता में बदल गया है. अब हम प्रौद्योगिकी संचालित युग में रह रहे हैं. पीएम मोदी ने प्रौद्योगिकी के विषय में बात करते हुए कहा कि इसके माध्यम से आज हम कंप्यूटर का उपयोग कर रहे हैं, जिससे हमें स्मार्ट पार्किंग, स्मार्ट लाइट और कई अन्य तरह के काम करने में मदद मिल रही है. सच्चाई यह है कि ज्ञान को बढ़ाने से ही कौशल आता है.
36 घंटे की नॉन-स्टॉप डिजिटल प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता
36 घंटे की अवधि में विभिन्न समस्याओं के नए समाधान खोजने के लिए लगभग 10,000 युवाओं ने अपने विचारों को एक साथ रखा. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने देश के 33 स्थानों पर अखिल भारतीय 36 घंटे की नॉन-स्टॉप डिजिटल प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई थी . 33 स्थानों में छह केंद्र शामिल थे जहां से विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री के साथ बातचीत करने का मौका मिला. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग वाले शहरों में पुणे, इलाहाबाद, कोयम्बटूर, अहमदाबाद, नागपुर और कोलकाता जैसे शहर शामिल थे .
पुरानी चीजों को तोड़ने वाला निकलता है आगे
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जो युवा पुरानी चीजों को तोड़कर आगे निकलता है, वही आगे नया काम करता है. आज का युवा तेजी से आगे बढ़ना चाहता है, जो अच्छी बात है. उन्होंने कहा कि अगर आप कोई नई खोज कर रहे हैं, तो हो सकता है कि आपको कई बार विफलताओं का सामना करना पड़े, लेकिन इससे अपने मनोबल को कमजोर नहीं होने देना चाहिए. कुलमिलाकर नवोन्मेष देश के भविष्य की नींव है .
अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरुप हो अनुसंधान
किसी भी राष्ट्र की प्रगति प्रौद्योगिकी और तकनीक के क्षेत्र में शिक्षा और अनुसंधान में हुई निरंतर वृद्धि पर निर्भर करती है. इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए हमारा अनुसंधान अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरुप होना चाहिए. भारतीय शिक्षा और अनुसंधान की प्रमुख कमजोरी अनुसंधान में निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी का अपेक्षाकृत बहुत कम होना है. अभी हालात यह है कि सरकार सिर्फ सरकारी संस्थाओं को प्रोत्साहित करती है और उनकी आर्थिक मदत करती है जबकि बुनियादी अनुसंधान के विकास के लिए सरकार को निजी संस्थाओं और निजी विश्वविद्यालयों को भी अपने साथ जोड़ना होगा . बेहतर निजी संस्थानों को आर्थिक मदत भी करनी होगी जिससे वो भी अपना योगदान दे सके . हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आज 95 प्रतिशत निजी संस्थान है जबकि सिर्फ 5 प्रतिशत सरकारी संस्थान है. देश में आधारभूत विज्ञान के विकास के लिए हमें सरकारी के साथ साथ निजी क्षेत्र की भी भागीदारी बढ़ानी पड़ेगी .
हमें नवोन्मेष और नवाचार को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं में शीर्ष पर रखना होगा . सच्चाई यह है कि नवाचार करने की सहूलियत उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी कारोबार करने की सहूलियत. आज जरुरत इस बात की भी है कि लोग प्रभावी, टिकाउ एवं किफायती प्रौद्योगिकियां विकसित करने के लिए पारंपरिक स्थानीय ज्ञान का समावेश करें ताकि विकास एवं प्रगति में जबरदस्त योगदान मिल सके. जिससे प्रौद्योगिकी और नवाचार के हाथ निर्धनतम, दूरस्थ स्थल पर रहने वाले एवं सर्वाधिक जरुरतमंद व्यक्ति तक पहुँच जाएँ .
‘स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन‘ के बारे में मुख्य तथ्य
- इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के मुताबिक, हैकाथॉन का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना है.
- केंद्र सरकार के 29 विभागों ने 598 समस्याओं की पहचान की है, जिनमें हवाईअड्डों की जियो-फेंसिंग, ऑनलाइन टोल कलेक्शन, स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट, साइबल हमले तथा हवाईक्षेत्र को सुरक्षित बनाने के लिए स्मार्ट ड्रोन आदि शामिल हैं.
- प्रधानमंत्री मोदी ने स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन में तकनीक के माध्यम से समस्याएं सुलझाने पर बल दिया
- ‘स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन‘ के अंतर्गत लगातार 36 घंटे तक चलने वाली डिजिटल प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता आयोजित हुई. जिसमें शीर्ष तीन टीमों को एक लाख रुपये, 75 हजार रुपये तथा 50 हजार रुपये से पुरस्कृत किया गया .
- डिजिटल सॉल्यूशंस का इस्तेमाल केंद्र सरकार मंत्रालय/विभाग शासन प्रणाली की सुधार करने के लिए करेगा.
- पुरस्कार पाने वाले सभी विजेताओं को कम्युनिटी ऑफ इनोवेटिव माइंड्स में शामिल किया गया है. हैकाथॉन का उद्देश्य देश में पेटेंट के बारे में जागरूकता में सुधार करना भी है.
- केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘इस हैकाथॉन में देश के नामी-गिरामी आइआइटी और एनआइटी ही नहीं सुदूर इलाकों में स्थित तकनीकी संस्थानों को भी शामिल किया गया है.
- भारत की तकनीकी प्रतिभा ने दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई है और कई जटिल समस्याओं के बिल्कुल अनूठे समाधान मुहैया करवाए हैं.
- मानव संसाधन विकास मंत्रालय, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) और यूजीसी और नैस्कॉम के अलावा भी कई सरकारी और गैर सरकारी संगठन इसमें शामिल हैं.
- इससे केंद्र सरकार के ‘स्टार्ट अप इंडिया’ और ‘स्टैंड अप इंडिया’ कार्यक्रमों को भी बढ़ावा मिलेगा.
- स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के ज़रिए हम ‘दुनिया के सबसे बड़े ओपन इनोवेशन मॉडल’ को सृजित करने की आशा करते हैं, जिसे अन्य देश भी पुनः दोहरा सकते हैं.
- वर्ल्ड इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूआईपीओ) के मुताबिक, भारत में प्रति 10 लाख की आबादी में 40 पेटेंट होता है. अब इसे बढ़ाने की जरुरत है .
(लेखक शशांक द्विवेदी चितौड़गढ, राजस्थान में मेवाड़ यूनिवर्सिटी में डिप्टी डायरेक्टर हैं और टेक्निकल टूडे पत्रिका के संपादक हैं. 12सालों से विज्ञान विषय पर लिखते हुए विज्ञान और तकनीक पर केन्द्रित विज्ञानपीडिया डॉट कॉम के संचालक है.एबीपी न्यूज द्वारा विज्ञान लेखन के लिए सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगर का सम्मान हासिल कर चुके शशांक को विज्ञान संचार से जुड़ी देश की कई संस्थाओं ने भी राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया है. वे देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में लगातार लिख रहे हैं।)