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आपने कुंडली में नक्षत्रों के बारे में सुना होगा. लेकिन अधिकतर लोग नहीं जानते की नक्षत्र क्या होते हैं और इनके क्या प्रभाव होते हैं? दरअसल नक्षत्र तारों का समूह होता है. ज्योतिष भविष्य की गणना करने के लिए आकाश की सहायता लेते हैं. पूरे आकाश को हम 360 डिग्री का मानते हैं. अगर इसे 12 हिस्सों में बांटते हैं तो 12 राशियाँ बन जाती हैं. और अगर 27 हिस्सों में बांटा जाता है तो 27 नक्षत्र बन जाते हैं. हर नक्षत्र का अपना महत्व एवं प्रभाव होता है.

नक्षत्रों के नाम

1) अश्विनी नक्षत्र 2) भरणी नक्षत्र 3) कृत्तिका नक्षत्र 4) रोहिणी नक्षत्र 5) मृगशिरा नक्षत्र 6) आर्द्रा नक्षत्र 7) पुनर्वसु नक्षत्र 8) पुष्य नक्षत्र 9) आश्लेषा नक्षत्र 10) पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र 11) उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र 12) हस्त नक्षत्र 13) चित्रा नक्षत्र 14) स्वाती नक्षत्र 15) विशाखा नक्षत्र 16) अनुराधा नक्षत्र 17) ज्येष्ठा नक्षत्र 18) मूल नक्षत्र 19) पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र 20) उत्तराषाढ़ा नक्षत्र 21) श्रवण नक्षत्र 22) धनिष्ठा नक्षत्र 23) शतभिषा नक्षत्र 24) उत्तराभाद्रपद नक्षत्र 25) रेवती नक्षत्र 26) पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र 27) मघा नक्षत्र
नक्षत्र के प्रभाव

1) अश्विनी नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

 इसका स्वामी केतु ग्रह है. इसके देवता अश्विनी कुमार हैं. इसका जातक ऊर्जावान, सक्रिय, उत्साही होता है. ये खुशमिजाज़ और ज़िंदादिल होते हैं. आप परिवार से बेहद प्यार करते हैं. पिता की तरफ मनमुटाव रहते हैं. आप चिकित्सा, सुरक्षा विभाग, पुलिस आदि में अच्छा करियर बना सकते हैं.

2) भरणी नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

इसका स्वामी शुक्र होता है. इसके देवता यम हैं. जातक स्वभाव से बड़े दिलवाला होता है. आपकी आंखे बहुत कुछ बोलती हैं. आप ईमानदार रहते हैं. परिवार से अधिक प्रेम रखते हैं. करियर में आपकी रुचि कला के क्षेत्र जैसे संगीत, गायन, चित्रकारी, आदि मे होती है.

3) कृत्तिका नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

 इनका स्वामी सूर्य होता है. इनके देवता अग्नि देवता हैं. जातक शिष्ट आचरण वाले होते हैं. मर्यादित जीवन जीते हैं. ये आशावादी सोच रखते हैं. इनका वैवाहिक जीवन सुखी होता है. जीवनसाथी इनका पूरा साथ देता है. माता से विशेष लगाव रखतेत हैं. करियर के लिए ये चिकित्सा, इंजीनियरिंग, वकील, जज, सेना, पुलिस आदि को चुन सकते हैं.

4) रोहिणी नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

इस नक्षत्र के स्वामी केतु ग्रह है. इनके देवता प्रजापति हैं. इनके जातक दुबले, आकर्षक व्यक्तित्व के होते हैं. आंखे सुंदर होती हैं और हृदय भावुक होता है. आपका जीवनसाथी सुंदर और समझदार होता है. आप अपना करियर संगीत, कला, फैशन डिज़ाइनिंग, ज्वेलरी, ट्रेवल, बैंक आदि में बना सकते हैं.

5) मृगशिरा नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

इनके स्वामी मंगल ग्रह हैं और देवता चंद्रमा हैं. जातक खोजी किस्म के होते हैं. इन्हें कुछ नया करना पसंद होता है. बुद्धिमान और जिज्ञासु होते हैं. पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा. पत्नी को स्वस्थ्य संबंधी समस्या रह सकती है. करियर के रूप में कवि, चित्रकार, लेखक या विचारक बन सकते हैं.

6) आर्द्रा नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

इनके स्वामी राहू हैं। देवता रुद्र हैं. जातक कर्तव्यनिष्ठ, कठोर परिश्रमी होते हैं. आप जन्मजात बुद्धिमान होते हैं. आपके विवाह में देरी हो सकती है. नौकरी या व्यावसाय आपको परिवार से दूर कर सकता है. आपका जीवनसाथी आपका पूरा ध्यान रखेगा. आप अपना करियर इंजीनियरिंग, कम्प्युटर प्रोग्रामिंग, फोटोग्राफी, शोध कार्यों में बना सकते हैं.

7) पुनर्वसु नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

इनका स्वामी गुरु ग्रह है. इनके देवता अदिति हैं. ये जातक सदाचारी, सहनशील और संतोषी स्वभाव के होते हैं. आप ईश्वर और पुरानी विचारधाराओं में विश्वास रखते हैं. करियर के रूप में आप शिक्षक, लेखक, अभिनेता, या चिकित्सक को चुन सकते हैं. आपका ज्योतिष में भी रुझान होता है. आप परिवार में माता-पिता के आज्ञाकारी होते हैं, शिक्षकों का भी सम्मान करते हैं. आपके वैवाहिक जीवन में समस्या रह सकती हैं लेकिन आप उन्हें सूझ-बुझ के साथ हल कर सकते हैं.

8) पुष्य नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

इनका स्वामी शनि ग्रह तथा देवता बृहस्पति हैं. जातक दयालु, ममतापूर्ण और उदार प्रवृत्ति के होते हैं. व्यक्तित्व गंभीर, आस्थावान, सत्यनिष्ठ होता है. करियर के रूप में आप कृषि, पशुपालन आदि को प्राथमिकता दे सकते हैं. इसके अलावा आप राजनीति, धर्मगुरु, परामर्शदाता आदि के रूप में भी काम कर सकते हैं. पारिवारिक जीवन में आप अपने काम के कारण परिवार से दूर रहेंगे. आपका जीवनसाथी आपके प्रति समर्पित रहेगा.

9) आश्लेषा नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

इनका स्वामी बुध है. इनके जातक हष्ट-पुष्ट शरीर के मालिक होते हैं. इनमें बात करने की गजब की क्षमता होती है. आप स्वतंत्र रहना पसंद करते हैं. आप एक अच्छे लेखक या अभिनेता बन सकते हैं. करियर के रूप में आप कला या वाणिज्य को चुन सकते हैं. लेकिन आप नौकरी की बजाय बिजनेस में अधिक सफल होते हैं. परिवार में आपको भाइयों का सहयोग मिलता है. परिवार में आप अपने स्वभाव से सभी का मन मोह लेते हैं.

10) पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

इनका स्वामी शुक्र ग्रह होता है. जातक शांत स्वभाव के कलाप्रेमी होते हैं. सच्चाई के रास्ते पर चलना पसंद करते हैं. प्रेम को जीवन का आधार मानते हैं. आप सरकारी अधिकारी बन सकते हैं. इसके अलावा आप एक अच्छे कलाकार, फोटोग्राफर, गायक, अभिनेता बन सकते हैं. आपका पारिवारिक जीवन सुखमय रहता है. जीवनसाथी और बच्चों से भरपुर सुख प्राप्त होता है.

11) उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

इनका स्वामी सूर्य ग्रह है. जातक ऊर्जावान होते हैं. सामाजिक कार्यों से प्रतिष्ठा हासिल करते हैं. एक ही काम में टिके रहना पसंद करते हैं. करियर के रूप में अध्यापन, लेखन, वैज्ञानिक शोध आदि को चुन सकते हैं. इसके अलावा आप राजनीति, संगीत, सलाहकार आदि क्षेत्र में अपनी पहचान बना सकते हैं. आपका जीवनसाथी आपसे खुश रहेगा.

12) हस्त नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

इनका स्वामी सूर्य ग्रह है. जातक अनुशासन प्रिय होते हैं. जीवन में आने वाली हर परेशानियों का हल निकाल लेते हैं. दिमाग तेज होता है इसलिए आप नई-नई योजनाएं बनाते रहते हैं. करियर के रूप में आप जौहरी, शिल्पी, दस्तकार, जिम्नास्टिक आदि को चुन सकते हैं. पारिवारिक जीवन में छोटे-मोटे विवाद होते हैं लेकिन आपके जीवनसाथी का स्वभाव अच्छा होता है.

13) चित्रा नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

इनका स्वामी मंगल ग्रह है. जातक स्वभाव से कर्मठ व मिलनसार होते हैं. इनके संबंध सभी से बेहतर होते हैं. ये खुलकर अपने विचार सभी के सामने रखते हैं. करियर के रूप में ये फैशन डिज़ाइनर, मॉडल, शल्य चिकित्सक, फोटोग्राफर, ग्राफिक डिज़ाइनर आदि को चुन सकते हैं. नौकरी के चलते हो सकता है की आपको अपने परिवार से दूर रहना पड़े. जीवनसाथी से मनमुटाव हो सकता है इसलिए लड़ाई-झगड़ों से बचें.

14) स्वाती नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

इस नक्षत्र का स्वामी राहु ग्रह है. इसके जातक परिश्रमी होते हैं. इनकी आध्यात्म में गहरी रुचि होती है. ये कुशल कूटनीतिज्ञ होते हैं. ये अपना काम निकलवाने में निपुण होते हैं. करियर के रूप में इन्हें व्यापारी, खिलाड़ी, शिक्षक, वकील, जज आदि बनना चाहिए. पारिवारिक जीवन में बहस आदि से बचना चाहिए नहीं तो दाम्पत्य जीवन कष्टमय हो सकता है.

15) विशाखा नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

इस नक्षत्र का स्वामी गुरु ग्रह होता है. इसके जातक दृढ़निश्चयी होते हैं. अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए ये पूरी मेहनत करते हैं. इन्हें अपना काम करते रहना पसंद होता है. आप फैशन डिज़ाइनिंग, मॉडलिंग, राजनीति, सेना, पुलिस आदि में अपना करियर बना सकते हैं. आप अपने परिवार में अपने बच्चों और जीवनसाथी से बेहद प्यार करते हैं. आपको संयुक्त परिवार में रहना पसंद होता है.

16) अनुराधा नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

इस नक्षत्र का स्वामी शनि ग्रह होता है. इनकी भगवान पर आस्था होती है. ये घोर विपत्ति में भी निराश नहीं होते हैं. इन्हें मानसिक शांति के लिए लगातार प्रयास करना पड़ता है. ये तांत्रिक, ज्योतिषी, गुप्तचर, मनोविज्ञान, अंक शास्त्र, पर्यटन आदि में अच्छा करियर बना सकते हैं. पारिवारिक जीवन में सहयोगियों से मदद कम मिलेगी. मनमुटाव अधिक रहेगा.

17) ज्येष्ठा नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

बुध ग्रह इस नक्षत्र का स्वामी होता है. इसके जातक ऊर्जावान और हष्ट-पुष्ट होते हैं. ये दूसरों की सलाह नहीं मानने में विश्वास करते हैं. इन्हें अपने अनुसार काम करना पसंद होता है. करियर के रूप में आप सुरक्षा से जुड़े काम, गुप्तचर, उच्च पदाधिकारी, वन अधिकारी, सेना से जुड़े कार्य, आपदा प्रबंधन को चुन सकते हैं. नौकरी के चलते परिवार से दूर रहना पड़ेगा लेकिन पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा.

18) मूल नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

इनका स्वामी केतु ग्रह है. जातक स्वभाव से शांतिप्रिय होते हैं. इन्हें न्याय में विश्वास होता है. लोगों से मधुर संबंध रखते हैं. मजबूत विचारों के स्वामी होते हैं. करियर के रूप में दंत चिकित्सक, पुलिस अधिकारी, गुप्तचर, जज, सैनिक, शोधकरता को चुन सकते हैं. वैवाहिक जीवन संतोषजनक रहता है लेकिन आप परिवार से इतना मतलब नहीं रखते हैं.

19) पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

इनका स्वामी शुक्र ग्रह होता है. इनका स्वभाव विनम्र और पाखंड रहित होता है. ये अपनी बात पर अडिग रहते हैं. बहुत जल्दी निष्कर्ष पर पहुँच जाते हैं जिससे गलतफहमी का शिकार हो जाते हैं. करियर के रूप में नौसेना, जीव विज्ञान, मतस्य पालन, मनो चिकित्सक, दार्शनिक, लेखन, फैशन डिज़ाइनिंग आदि को चुनना चाहिए. काम के सिलसिले में आप जन्म भूमि से दूर रहेंगे. विवाह में देरी होगी किन्तु जीवन सुखमय रहेगा.

20) उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

इनका स्वामी सूर्य ग्रह है. जातक का स्वभाव संस्कारी, साफ दिल और मृदुभाषी होता है. इन्हें ज्यादा तड़क-भड़क पसंद नहीं है. पहनावा साधारण होता है. धार्मिक होते हैं और दूसरों का विशेष आदर करते हैं. करियर के रूप में प्रवचनकर्ता, पुरोहित, सरकारी कर्मचारी, जज, सेना, बैंक, आध्यात्म आदि को चुनना चाहिए. पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा लेकिन जीवनसाथी के स्वस्थ्य को लेकर चिंता बनी रहेगी.

21) श्रवण नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

इनका स्वामी गुरु ग्रह है. जातक हर काम को कुशलता से करना पसंद करते हैं. अतिथि सत्कार करने में माहिर होते हैः. धार्मिक होते हैं. करियर के रूप में अध्यापक, शोधकर्ता, कथा वाचक, सलाहकार आदि को चुन सकते हैं. वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है. जीवनसाथी आपको समझने वाला होता है.

22) धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

इनका स्वामी मंगल ग्रह होता है. जातक हर एक काम में दक्ष होते हैं. आपका दिमाग काफी तेज होता है. ज्ञान प्राप्त करने के लिए सदैव तैयार रहते हैं. करियर के रूप में आप इतिहासकर, संगीत, खिलाड़ी, बैंक अधिकारी, वैज्ञानिक, कम्प्युटर विशेषज्ञ, ज्योतिषी आदि को चुन सकते हैं. पारिवारिक जीवन में भाई-बहनों से लगाव रहता है. वैवाहिक जीवन सुखी रहेगा. जीवनसाथी दयालु एवं परोपकारी प्रवृत्ती का होगा.

23) शतभिषा नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

इनका स्वामी राहु ग्रह है. जातक सत्य पर चलने वाले होते हैं. हृदय अत्यंत कोमल और धार्मिक होता है. आप एक बार जो तय कर लेते हैं उसे करके दम लेते हैं. ज्योतिषशास्त्र में आपकी गहन रुचि होती है. इसके अलावा आप अन्तरिक्ष यात्री, वैज्ञानिक, पायलेट, शिक्षक आदि बन सकते हैं. परोपकारी स्वभाव के कारण पारिवारिक जीवन में मानसिक परेशानियाँ बनी रहेगी. वैवाहिक जीवन संतुष्टिपूर्ण होगा. जीवनसाथी निस्वार्थ प्रेम करेगा.

24) उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

इनका स्वामी शनि ग्रह है. जातक आकर्षक होता है. इसकी मुस्कान सबका मन मोह लेती है. ये ज्ञानवान, बुद्धिमान होते हैं. किसी मे भेदभाव नहीं करते हैं. करियर के रूप में आप ध्यान व योग विशेषज्ञ, रोग निदान व चिकित्सक विशेषज्ञ, आध्यात्मिक गुरु को चुन सकते हैं. इसके अलावा कवि, लेखक, दार्शनिक, शोधकरता, इतिहासकर, सुरक्षाकर्मी भी बन सकते हैं. आप अपने परिवार से दूर रहेंगे. जीवनसाथी योग्य होगा और आपकी संतान असली पूंजी होगी. विवाह के बाद भाग्योदय होगा.

25) रेवती नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

इनके स्वामी बुध ग्रह हैं. जातक मधुरभाषी, व्यवहार कुशल होता है. इन्हें दूसरों के मामले में टांग अड़ाने की आदत नहीं होती है. ये सिद्धान्त प्रिय होते हैं. इन्हें नौकरी से ज्यादा फायदा बिजनेस में रहता है. करियर के रूप में ये कलाकार, चित्रकार, अभिनेता, ज्योतिशी, रत्नो के व्यापारी आदि को चुन सकते हैं. पारिवारिक जीवन में जीवनसाथी से अच्छा तालमेल रहेगा. बच्चों से भरपूर सुख मिलेगा. जीवनसाथी थोड़ा जिद्दी स्वभाव का होगा.

26) पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

इनका स्वामी गुरु ग्रह है. जातक शांतिप्रिय व बुद्धिमान होते हैं. इन्हें सादा जीवन जीना पसंद होता है. इन्हें ईश्वर पर आस्था होती है और धार्मिक क्षेत्रों में रुचि लेते हैं. सरकारी नौकरी इनके लिए शुभ होती ह आई. करियर के रूप में ये शल्य चिकित्सक, पुरोहित, ज्योतिषी, योग शिक्षक, राजनेता को चुन सकते हैं. पारिवारिक जीवन में माता का प्रेम कम मिलेगा. पत्नी समझदार और कर्तव्यपरायण रहेगी.

27) मघा नक्षत्र का स्वामी एवं प्रभाव

इस नक्षत्र का स्वामी केतु ग्रह है. जातक प्रभावशाली होता है जहां जाता है वहाँ अपना दबदबा बना लेता है. ये ऊर्जावान और कर्मठ भी होते हैं. जिस काम का जिम्मा लेते हैं उसे जल्द से जल्द पूरा करते हैं. करियर के रूप में व्यापारी, राज्य के उच्च अधिकारी, वकील, जज, राजनीतिज्ञ, इतिहासकर, कलाकार, ज्योतिषी, प्रशासक आदि को चुन सकते हैं. पारिवारिक जीवन खुशहाल रहेगा. जीवनसाथी समझदार रहेगा और संताने भाग्यशाली होगी.

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By पंडित नितिन कुमार व्यास

ज्योतिषाचार्य पंडित नितिन कुमार व्यास मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में रहते हैं. वे पिछले 35 सालों से ज्योतिष संबंधी परामर्श और सेवाएं दे रहे हैं.

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